रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार (2 अक्टूबर) को कहा कि भारत को 36 महीने की तय अवधि से पहले ही फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान मिलने का काम शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘सौदे के नियमों के मुताबिक 36 महीने की अवधि दी गई है (जिसमें खेप का मिलना शुरू होना है), लेकिन यह थोड़ा पहले आ सकता है। हमने उनसे जल्द से जल्द (इसे देने) का आग्रह किया है।’ गत 23 सितंबर को भारत और फ्रांस ने 7.87 अरब यूरो (लगभग 59 हजार करोड़ रुपए) के राफेल लड़ाकू जेट विमान सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। राफेल नवीनतम मिसाइलों और हथियार प्रणाली से लैस है। इसके अतिरिक्त, इसमें भारत के हिसाब से कई बदलाव किए गए हैं जिससे भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान के खिलाफ व्यापक ‘क्षमता’ हासिल होगी। पर्रिकर ने यह भी कहा कि अतिरिक्त व्यय और राजस्व (रखरखाव) व्यय को कम करने पर सेना में ढांचागत बदलाव सुझाने के लिए बनाई गई समिति जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीबी शेकात्कर इस समिति के प्रमुख हैं।
भारत को 36 महीने से पहले ही मिल सकते हैं राफेल लड़ाकू विमान: मनोहर पर्रिकर
23 सितंबर को भारत और फ्रांस ने 7.87 अरब यूरो (लगभग 59 हजार करोड़ रुपए) के राफेल लड़ाकू जेट विमान सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
Written by भाषा
पुणे
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First published on: 02-10-2016 at 14:33 IST