रमजान में पुणे से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे कीखबर सामने आई है।यूं तो तमाम दरगाह और मस्जिदों पर इफ्तार और नमाज का आयोजन हो रहा है, मगर यरवदा के शदुल बाबा दरगाह पर कुछ खास हुआ, जिसकी तारीफ हो रही है।यहां नमाज और संत तुकाराम का भजन हुआ।दरगाह के प्रमुख मोहम्मद मुजवार ने कहा-सभी समुदाय के लोग दरगाह पर प्रार्थना के लिए आते हैं।हर समुदाय के लोग संगमवाड़ी में सैकड़ों साल से एक साथ रहते आ रहे हैं।जब वरकरी समुदाय के प्रमुख सचिन निगम ने दरगाह आकर भजन की अनुमति मांगी तो हमने सहर्ष इजाजत दी।

सचिन निकम ने कहा-वर्षों से हम साथ-साथ रह रहे हैं।हम हर साल विभिन्न मंदिरों में भजन गाते हैं।चूंकि हम इस दरगाह में भी प्रार्थना करते हैं, इस नाते सोचा क्यों न इस बार दरगाह में ही इफ्तार की नमाज से पहले भजन का गायन हो।

दरगाह के संरक्षक इकराम खान ने कहा-दोनों समुदायों के कुछ कट्टरपंथियों को यह विचार हजम नहीं हो रहा था, उन्होंने विरोध करने की कोशिश की।हम किसी तरह से उन्हें समझाने में सफल रहे कि हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए ऐसे प्रयास होने बेहद जरूरी है। रमजान के 21 वें दिन यानी छह जून को इसका आयोजन हुआ। इस दिन मुस्लिमों ने दरगाह पर उर्स मनाया।उन्होंने बताया कि चार सौ से अधिक लोग उर्स मनाने के लिए दरगाह पर जुटे। हर साल रमजान के 21 वें दिन विशेष प्रार्थना के बाद हम अपना रोजा तोड़ते हैं। निकम ने कहा कि मैं सोचता हूं कि यह पहली दफा है, जब दरगाह में भजन का गायन हुआ।दरगाह में भजन के बाद नमाज और इफ्तार हुई।हिंदुओं ने दरगाह पर चादरपोशी कर दुआ भी मांगी।