नरेन्द्र मोदी द्वारा गाय रक्षकों की आलोचना के बाद सहयोगी शिवसेना ने सोमवार (8 अगस्त) को प्रधानमंत्री से कहा कि पिछले दो वर्षों में इस तरह के तत्वों के ‘बढ़’ जाने का कारण बताएं जबकि उन्हें चेताया कि उन्हें हिंदुत्व समर्थकों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा गया है, ‘गाय रक्षकों पर टिप्पणी के लिए प्रधानमंत्री को हिंदुत्व समर्थकों के गुस्से का शिकार होना पड़े तो हमें आश्चर्य नहीं होगा, मोदी से हमारा सवाल है कि इस तरह के लोग गाय रक्षा के नाम पर अवैध गतिविधियां क्यों चला रहे हैं जो पिछले दो वर्षों में उभर कर सामने आए हैं।’ इसने कहा, ‘कांग्रेस शासनकाल में गाय रक्षकों की आवाज इतनी कमजोर थी कि सत्ता में लोग इसे नहीं सुन पाए और गोमांस पर प्रतिबंध के लिए कानून लाया गया (महाराष्ट्र में)।’
शिवसेना ने जानना चाहा, ‘भाजपा का समर्थन करने वाले संगठनों में कई ऐसे थे जो (गो) रक्षा के लिए उठ खड़े हुए, क्या सरकार अब सोचती है कि ये संगठन भी अवैध व्यवसाय कर रहे हैं?’ इसने कहा कि यह ‘आश्चर्यजनक’ है कि गाय रक्षा के नाम पर उस देश में हिंसा हो रही है जहां वृद्ध मां-बाप को वृद्धाश्रम में भेज दिया जाता है, कन्या भ्रूण हत्या होती है और नवजातों को कूड़े में फेंक दिया जाता है ताकि उनकी जिम्मेदारी नहीं उठानी पड़े। मोदी ने रविवार (7 अगस्त) को दलितों पर हिंसा करने वालों से भावुक अपील की कि अगर वे चाहते हैं तो उन पर हमला करें लेकिन दलित ‘भाइयों’ पर हमला करना बंद कर दें।