विजय माल्या और उनकी बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए रिण के संबंध में एक आरटीआई आवेदन के जरिए मांगी गयी जानकारी का जवाब देने में भारतीय स्टेट बैंक ने असमर्थता जताते हुए कहा है कि यह मामला अदालत में है और विभिन्न जांच एजेंसियों इस मामले में गौर कर रही हैं। मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सीबीआई से माल्या और उनकी विमानन कंपनी को दिए गए रिणों की पूरी राशि के बारे में सवाल किया था। इसके अलावा उस बैठक का ब्यौरा भी मांगा था जिसमें रिण प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी थी।
बैंक के उप महाप्रबंधक और लोक सूचना अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि आपने किंगफिशर एयरलाइंस लि. और विजय माल्या को दिए गए रिण के संबंध में खास जानकारी मांगी है। कृपया ध्यान दें कि यह मामला अदालत में है और इस मामले की जांच विभिन्न एजेंसियों के सामने लंबित हैं। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की धारा आठ (1) (एच) के तहत खुलासे से छूट लेते हुए आपको मांगी गयी जानकारी नहीं दी जा सकती। माल्या और उनकी कंपनी किंगफिशर पर ब्याज सहित 9,000 करोड़ रूपए से ज्यादा का बकाया है। यह राशि स्टेट बैंक के नेतृत्व में 17 रिणदाताओं के कंसोर्टियम की है।