मुंबई की मशहूर हाजी अली दरगाह में महिलाओं के जाने का रास्ता खुल गया है। मुंबई हाईकोर्ट ने महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी से रोक हटा दी है। कोर्ट ने कहा कि संविधान में महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का दर्जा दिया गया है। जब पुरुषों को इसके अंदर जाने की अनुमति है तो महिलाओं को भी अंदर जाने दिया जाना चाहिए। कोर्ट के फैसले के बाद सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक और बड़ी जीत है। कोर्ट ने कहा कि दरगाह के अंदर महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी हाजी अली दरगाह प्रशासन की होगी। साल 2011 तक सभी महिलाओं को दरगाह के अंदर जाने की अनुमति थी लेकिन साल 2012 में इस पर रोक लगा दी गई। इधर, हाजी अली दरगाह प्रशासन का कहना है कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इसके चलते छह सप्ताह तक इस आदेश पर कार्रवाई नहीं हो पाएगी। महिला संगठनों का कहना है कि वे इस फैसले से खुश हैं। उन्हें उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट भी उनके समर्थन में फैसला देगा।
महिलाओं के प्रवेश की मांग को लेकर दो साल से कोर्ट में मामला चल रहा था। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक को गलत बताया था। सरकार ने महिलाओं को प्रवेश देने को कहा था। प्रवेश पर रोक के खिलाफ भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने अपील दायर की थी। महिलाओं को प्रवेश देने की मांग को लेकर भूमाता ब्रिग्रेड ने भी प्रदर्शन किया था। भूमाता ब्रिग्रेड मंदिरों और मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश देने का समर्थन कर रही है।
#FLASH Haji Ali Dargah women entry case: Women allowed in inner sanctum
— ANI (@ANI_news) August 26, 2016