मुंबई के एक इंजीनियर की सतर्कता से कुर्ला रेलवे स्टेशन पर रेल हादसा होने से बच गया। काम पर जा रहे एक इंजीनियर ने रेल ट्रैक पर फिश प्लेट ढीली देखी जिसके बाद उसने रेलवे अधिकारियों को खबर की। आनन-फानन में रेलवे ने कर्मचारी भेजकर ट्रैक को सही कराया, जिसके बाद ट्रेनों को रवाना किया गया। सोमवार सुबह 23 वर्षीय जी सकपाल ने देखा कि हार्बर लाइन पर एक फिशप्लेट (पटरियों को एक साथ जोड़ने के लिए लगाया जाने वाले धातु का टुकड़ा) ढीला हो गया है। हालांकि फिशप्लेट के ढीला होने पर शुरुआत में खतरा नहीं रहता, मगर वक्त के साथ और ट्रेने गुजरने पर इस वजह से भयंकर ट्रेन हादसा हो सकता था। सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे सकपाल अन्य यात्रियों की तरह कुर्ला रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 7 पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। उन्हें अंधेरी स्थित अपने ऑफिस पहुंचना था, लेकिन करीब 4-5 मीटर दूर रेल का एक हिस्सा थोड़ा उठा हुआ था और एक फिशप्लेट क्षतिग्रस्त हो गई थी। सकपाल को ट्रेनों से बेहद लगाव है, इसलिए नजर दौड़ाने के दौरान यह चूक उनकी पकड़ में आ गई। उन्होंने कहा, ”मैंने तुरंत वहां खड़ी ट्रेन के मोटरमैन को अलर्ट किया और रेलवे हेल्पलाइन पर भी कॉल किया।” मिड डे के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि खराब ट्रैक की मरम्मत के लिए तत्काल गैंगमैनों और कर्मचारियेां की एक टीम रवाना की गई।
केन्द्रीय रेलवे के अधिकारी ने कहा कि मरम्मत की वजह से हार्बर लाइन पर ट्रेन सेवाआें में थोड़ी देरी हुई। रेल सेवाएं सुबह 8 बजे शुरू हो सकीें। इसके बाद सभी ट्रेनों को 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाने के निर्देश दिए गए। भारी बारिश के चलते पश्चिमी रेलवे की ट्रेनें भी देरी से चलीं। बारिश की वजह से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के साथ-साथ ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे का ट्रैफिक भी रेंगते हुए आगे बढ़ा। कुर्ला की यह तकनीकी समस्या दीवा स्टेशन पर 10 घंटे के भारी ब्लॉक के एक दिन बाद आई है। रेलवे अधिकारियों ने ब्लॉक को सफल बताया है। यह अगले तीन इतवारों तक ब्लॉक किए जाने का पहला चरण था। दीवा स्टेशन पर तेज गति की ट्रेनें चलाने के लिए काम चल रहा है।
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