Prayagraj News: प्रयागराज महाकुंभ में टेंट सिटी बसाने वाले लल्लूजी के गोदाम में भीषण आग लग गई। गोदाम में बड़ी मात्रा में बांस-बल्ली, टेंट और फर्नीचर के सामान होने की वजह से आग बहुत ही तेजी से फैली और देखते ही देखते कुछ ही देर में पूरे गोदाम को चपेट में ले लिया। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आग की लपटें तीन किलोमीटर दूर से दिखाई देने लगी।
फायर ब्रिगेड ने अंदर फंसे 20 कर्मचारियों को बाहर निकाला और इस दौरान चीफ फायर ऑफिसर, एफएसओ सिविल लाइंस समेत पांच लोग आंशिक तौर पर झुलस गए। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की 18 गाड़िया मौके पर पहुंची है। इतना ही नहीं आग पर काबू पाने के लिए आसपास के जिलों से भी गाड़ियों को बुलाया गया है। दमकल के कर्मचारियों को आग को बुझाने के लिए ढाल का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। पुलिस ने करीब दो किलोमीटर के एरिया को सील कर दिया है। मौके पर जिलाधिकारी भी पहुंच गए हैं।
कौन हैं लल्लू जी?
यूपी में लल्लू जी का नाम काफी फेमस है। बीते कुछ सालों में कुंभ मेले की बात हो या फिर किसी इंटरनेशनल कार्यक्रम की लल्लू जी टेंट हाउस के बिना कल्पना करना भी काफी कठिन है। लल्लू जी टेंट हाउस की शुरुआत 1918 में बाल गोविंद दास लल्लू जी ने इलाहाबाद में की थी। जब यह कंपनी शुरू हुई थी तो उस वक्त यह केवल तिरपाल और टेंट के निर्माण का ही काम करती थी।
महाकुंभ हर 12 साल पर ही क्यों लगता है?
सबसे पहली बार साल 1920 में बाल गोविंद दास ने माघ मेले में पहली बार तंबू लगाने का काम किया और इसी की वजह से यह एक बहुत बड़ा व्यवसाय बन गया। आज उनकी पांचवी पीढ़ी भी इसी काम को कर रही है। इस कंपनी का नाम केवल प्रयागराज में ही नहीं कर बल्कि नेपाल, भूटान समेत कई देशों में काफी चर्चा है।
यह कंपनी टेंट में 5 स्टार जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराती है। यही कारण है कि किसी भी बड़े आयोजन को करने से पहले आयोजक इस कंपनी से संपर्क साध लेते हैं। इस बार के महाकुंभ में यह कंपनी विशाल तंबुओं की अस्थायी संरचना देने के साथ ही बांस बल्ली और कुर्सी समेत अन्य बुनियादी सुविधा मुहैया कराई है। लल्लू जी ने इस बार के महाकुंभ मेले में भी काफी शानदार आयोजन किया था। इसकी हर तरफ चर्चा हुई थी। पढ़ें पूरी खबर…