मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके साथ राज्य के तीन बड़े नौकरशाह इस साल जनवरी (21 से 25) में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने स्विटजरलैंड के शहर दावोस गए थे। ताकि राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को लुभाया जा सके। उनकी इस यात्रा पर राज्य सरकार ने कुल 1.57 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दिए गए जवाब में कहा गया है, ‘‘मध्य प्रदेश के भारतीय उद्योग मंडल की ओर से सीआईआई प्रतिनिधियों के एक दल ने इस फोरम में शिरकत की। इसमें 1,57,85,000 रुपए खर्च हुए, जिसमें एयर टिकिट्स के साथ बाकी खर्चे भी शामिल हैं।’’

आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि सीएम के अलावा राज्य के प्रमुख सचिव एसआर मोहंती, मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव अशोक बरनवाल, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। आरटीआई के जवाब के मुताबिक इस प्रतिनिधिमंडल के होटल में ठहरने पर सबसे ज्यादा 45 लाख रुपये खर्च हुए हैं, जबकि उनकी हवाई यात्रा और वीजा पर 30 लाख रुपये खर्च हुए हैं। दावोस में इस प्रतिनिधिमंडल ने एक एक्सक्लूसिव बिजनेस लॉन्ज में भाग लिया था। इस मद में कुल 40 लाख रुपये खर्च हुए हैं।

आईटीआई कार्यकर्ता अजय दूबे के सवाल पर राज्य सरकार की तरफ से जवाब दिया गया है। उसके मुताबिक CII के प्रशासनिक फीस के रूप में 14.35 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। 1.5 लाख रुपये महंगाई भत्ता के रूप में खर्च हुए हैं जबकि लोकल कन्वेन्स के नाम पर 9.5 लाख रुपये खर्च हुए हैं। 50 हजार रुपये ट्रेवल इंश्योरेंस के नाम पर खर्च गए हैं। दूबे का मानना है कि राज्य सरकार चाहती तो इस खर्चे को बचा सकती थी लेकिन जनता के पैसे को पानी की तरह बहाया गया।