मशहूर गायक और अभिनेता स्वर्गीय किशोर कुमार के पैतृक शहर खंडवा की फिजा में शायद संगीत का जादू आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। इसकी बानगी शनिवार (11 फरवरी) को अदालत में देखने को मिली, जब कोर्टरूम में जजों ने खुद गीत गाए ताकि बिखरते परिवार को फिर से बसाया जा सके। कुदरत का करिश्मा देखिए उस गीत का असर उस दंपत्ति पर भी हुआ जो तलाक लेने की जिद पर अड़े थे। अब वह दंपत्ति एकसाथ जीने-मरने की कसमें खा रहा है।

दरअसल, मध्य प्रदेश के खंडवा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था जिसमें तलाक के कई मुकदमे सुनवाई के लिए लंबित थे। खंडवा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश और परिवार न्यायालय के जज ए के सिंह को इन मुकदमों की सुनवाई कर फैसला सुनाना था लेकिन जजों ने फैसला सुनाने से पहले तलाक मांग रहे दम्पतियों को मिलकर फिर से एक साथ रहने की सलाह दी और संगीत के तराने छेड़ दिए। दोनों जज गीत गाने लगे। गीत के जरिए जजों ने उन परिवारों से एकसाथ रहने की गुजारिश की।

ईटीवी के मुताबिक, इसके बाद दोनों न्यायाधीशों की गुजारिश और संगीत के जादू ने अपना असर दिखाना शुरू किया। लंबे अर्से से एक दूसरे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे दम्पति ने खुशी-खुशी एकसाथ रहने का फैसला किया और साथ जीने-मरने की कसमें खाते हुए अपना-अपना मुकदमा वापस ले लिया। जिस किसी ने भी इस लम्हे को देखा या फिर सुना, सबने जजों की पहल की तारीफ की है। सभी दम्पतियों ने एक दूसरे को फिर से वरमाला पहनाईं। जजों से आशीर्वाद लिए और खुशी-खुशी साथ रहने के वादे लेकर कोर्ट से अपनी जीवन संगिनी के साथ अपने-अपने घर को चले गए।