मध्य प्रदेश में कर्जमाफी का बड़ा मुद्दा लेकर सत्ता में आई कमलनाथ सरकार में हड़कम्प मचा हुआ है। किसानों की कर्जमाफी करने वाली सरकार के सामने ऐसी रिपोर्ट आई है, जिससे उसके कान खड़े हो गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्जमाफी का फायदा लेने वाले कई लोगों ने तो कर्ज लिया ही नहीं। कर्जमाफी की सूची प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव सोसायटीज ने तैयार की थी।
कर्जमाफी को लेकर हुई इस धांधलेबाजी में सरकार ने कार्यवाई कर दी है। कटनी और सागर जिले में कोऑपरेटिव सोसायटीज के अधिकारियों पर एफआईआर भी दर्ज हो गई है। गलत दावा बनाने के आरोप में अधिकारियों पर कार्यवाई हुई है। कटनी जिले की जरवाही कोऑपरेटिव सोसायटी के मैनेजर लक्ष्मीकांत दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409,201 और 120 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। इसके अलावा तीन अन्य के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें गोरजामर प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव सोसायटीज के मैनेजर भी शामिल हैं। इन पर भी फ्रॉड करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
बता दें कि, मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के लिए किसानों को आवेदन भरने के लिए कहा है। जिसके बाद कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन अब इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बीते दिनों सागर जिले की बंडा और देवरी तहसील में कुछ किसान उस वक्त नाराज हो गए जब उन्हें यह पता चला कि उनका नाम भी कर्जमाफी की लिस्ट आ गया है। जबकि उनका कहना था कि उन लोगों ने कभी कर्ज ही नहीं लिया।
कई किसानों ने आरोप लगाया था कि पुराना कर्ज चुकता करने के बाद भी बैंक ने एक बार फिर लिस्ट चस्पा कर दी है, जिसमें उनके नाम हैं। छतरपुर से भी ऐसा ही मामला सामने आया था। बताया गया कि यहां केंद्रीय सहकारी बैंक की सहकारी समितियों के कर्जदारों की लिस्ट में कई ऐसे लोगों के नाम थे जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की गई।

