नोटबंदी के फैसले की वजह से मध्य प्रदेश के विदिशा में शादी के 10 साल बाद एक पति और पत्नी के बीच विवाद का मामला सामने आया है। विवाद इतना बढ़ गया कि पत्नी रूठकर अपने मायके चली गई। इसके बाद परिवार परामर्श केंद्र को इस मामले में दखल देनी पड़ी और पति-पत्नी के बीच मामले को सुलझाया गया। दरअसल मामला यूं है कि एक दंपती में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद नाराज पत्नी अपने मायके चली गई। तीन महीने तक जब पत्नी नहीं आई तो पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मामला कोतवाली स्थित परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा, जहां शुक्रवार को दोनों पक्षों बुलाया गया।

पति और पत्नी के बीच विवाद पायल बेचने को लेकर हुआ था। पति ने अपनी पत्नी की पायल तीन महीने पहले बेच दी थी। इस बात को लेकर पत्नी बहुत नाराज थी। वह चाहती थी कि उसकी पायल वापस लाई जाएं। लेकिन जब पति पायल वापस नहीं दिला पाया तो पत्नी नाराज होकर मायके चली गई। करीब तीन महीने तक पत्नी मायके से ससुराल नहीं आई तब पति ने कोतवाली में आवेदन दिया।

फिर जब पति और पत्नी परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे तो पत्नी इस बात पर अड़ गई कि जब तक मेरी पसंद की पायल नहीं दिलाई जाएंगी, तब तक मैं ससुराल नहीं जाऊंगी। इस पर पति बोला का कि मैं नोटबंदी की वजह से परेशान हूं, किसानी करता हूं ऐसे में अभी पायल नहीं दिला पाऊंगा। नोटबंदी की वजह से एक-एक रुपए के लिए परेशान हो रहा हूं। फिर दोनों पक्षों को समझाया गया तो पति वेंटेक्स की पायल दिलाने पर राजी हो गया। वहीं पत्नी ने भी वेंटेक्स की पायल पर अपनी सहमति दे दी। हालांकि पति का कहना था कि चांदी की पायल अप्रेल महीने में दिला दूंगा, जब फसल बिकेगी।

परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी रुचि सिंह और रानी निंदाने ने बताया कि जब पति वेंटेक्स की पायल दिलाने पर राजी हो गया तब पत्नी ने भी अपनी सहमति दे दी। पत्नी का कहना था कि अगले सप्ताह ससुराल चली जाऊंगी। मुझे भी बहुत फिक्र है लेकिन पति द्वारा पायल बेचने की वजह से नाराज थी।