केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं मोजरबेयर के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यह मुकदमा सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया की तरफ से दायर 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले में दर्ज किया गया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने जिन पर मुकदमा दर्ज किया है उनमें पुरी के अलावा कंपनी (एमबीआईएल), उनके पिता एवं प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशकों – नीता पुरी (रतुल की मां और कमलनाथ की बहन), संजय जैन और विनीत शर्मा शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन पर कथित तौर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
बैंक ने एक बयान में बताया कि रतुल ने 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनके माता-पिता निदेशक मंडल में रहे। इस संबंध में पुरी के वकील की टिप्पणी का अनुरोध अनसुना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने ओखला औद्योगिक क्षेत्र और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित पुरी आवास समेत राष्ट्रीय राजधानी के छह स्थानों पर छापे मारे गए। कंपनी कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी), डीवीडी और ठोस स्टोरेज उपकरणों का निर्माण करती है। यह मामला सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज किया गया।
बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया कि कंपनी 2009 से विभिन्न बैंकों से लोन ले रही थी और कई बार पुनर्भुगतान की शर्तों में बदलाव करा चुकी थी। बैंक की यह शिकायत अब सीबीआई की प्राथमिकी का हिस्सा है। इसमें आरोप लगाया गया कि जब वह (कंपनी) कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रही तो एक फॉरेन्सिक आॅडिट किया गया और सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया ने खाते को 20 अप्रैल 2019 को ‘‘फर्जी’’ घोषित कर दिया। बैंक का दावा है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया से फंड जारी कराने के लिए नकली एवं जाली दस्तावेजों का प्रयोग किया।