मध्य प्रदेश में एक महिला जेड प्लस सिक्युरिटी वाला सुरक्षा घेरा तोड़कर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के पास पहुंच गई और उन्हें एक ज्ञापन सौंपने की कोशिश करने लगी। रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार (21 मार्च, 2018) को संघ प्रमुख भागवत टीकमगढ़ जिले में पहुंचे थे। वहां एक संगठन के कुछ लोग अपनी नौकरियां पक्की नहीं किए जाने पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान एक महिला कमांडो के नजदीक पहुंची और अचानक सुरक्षा घेरा तोड़कर संघ प्रमुख के पास जा पहुंची। खबर के अनुसार, इस दौरान भागवत ने महिला से रुकने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं मानी और ज्ञापन देने लगी। संघ प्रमुख ने ज्ञापन नहीं लेते हुए कहा कि वह नेता नहीं हैं। इसके बाद वह आगे चले गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला की अभी पहचान नहीं की जा सकी है। बाद में स्थानीय पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर सख्त हिदायत के बाद छोड़ दिया। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसे संघ प्रमुख के सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर जानकारी नहीं थी। महिला का कहना है कि उसका मकसद सिर्फ ज्ञापन सौंपना था। जानकारी के अनुसार, अपनी छोटी-सी यात्रा के तहत छतरपुर और टीकमगढ़ पहुंचे भागवत की सुरक्षा की जिम्मेदारी तब सीआईएसएफ कमांडो के जिम्मे थी।
बता दें कि छतरपुर पहुंचे मोहन भागवत ने फिर राम मंदिर का राग अलापा है। उन्होंने कहा, “राम मंदिर का निर्माण इच्छा नहीं संकल्प है।” मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के मऊसहानियां में महाराजा छत्रसाल की 52 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण समारोह में भागवत ने आगे कहा, “राम मंदिर का निर्माण सिर्फ इच्छा नहीं, संकल्प है। राम मंदिर बनाने वालों को कुछ ना कुछ करना होगा। राम मंदिर निर्माण कब होगा, मूल प्रश्न यही है, इस निमित्त हमें अपने आप को तैयार करना होगा। राम मंदिर बनने के लिए समय अनुकूल है, इसलिए राम मंदिर बनाने वालों को राम जैसा बनना पड़ेगा। तभी यह कार्य संभव है।”