मुंबई-भोपाल जेट एयरवेज फ्लाइट को कुछ यात्रियों ने दो घंटे तक उड़ने से रोके रखा। इन यात्रियों ने अपने साथियों के आने तक फ्लाइट को उड़ने नहीं दिया। ये लोग एक बारात का हिस्सा थे। इस दौरान उन्होंने ना केवल जेट एयरवेज के स्टाफ पर दबंगई की बल्कि दूसरे यात्रियों को घूस देकर प्लेन से उतारने की कोशिश भी की। जेट एयरवेज ने यात्रियों को एक घंटे तक समझाने की कोशिश की इसके बाद पांच यात्री फ्लाइट से उतर गए। उन्होंने 10 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि स्वीकार कर ली। घटना फ्लाइट 9W 7083 में हुई जो कि मुंबई से दो दिसंबर को सुबह 5.55 बजे उड़नी थी। लेकिन शादी में जा रहे 80 लोगों के 17 अन्य साथियों ने सीट ना मिलने पर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते विमान आठ बजे उड़ा और नौ बजकर 10 मिनट पर भोपाल पहुंचा।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार फ्लाइट में गुजराती परिवार के चलते गड़बड़ी हुई। बताया जाता है कि जिस परिवार के लोगों ने दादागिरी की वे किसी ताकतवर मंत्री के करीब हैं। खबर के अनुसार बारात के लोगों ने विमान के दरवाजों को बंद करने से रोक दिया और अपने साथियों के आने का इंतजार करने को कहा। कंवलजीत नाम की एक महिला यात्री ने बताया कि जेट एयरवेज ने 17 लोगों की टिकटें ओवरबुक कर ली थी। ऐसा लग रहा था जैसे मिनी बस में सफर कर रही हूं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वह कंज्यूमर फोरम जाएंगी। एक अन्य यात्री गुरप्रीत ने कहा कि जेट ने फ्लाइट को ओवरबुक कर लिया था। शादी में जा रहे 80 लोगों के अलावा 17 और लोगों की भी बुकिंग कर ली गई। ये गैर पेशेवराना है।
जेट एयरवेज ने इस घटना की पुष्टि की है। उसकी ओर से कहा गया, ”बारात के सदस्य लोगों ने एयरलाइन के ऑफर को स्वीकार करने से मना कर दिया और बाकी साथियों के साथ मिलकर फ्लाइट को रोके रखा। इससे उपद्रवी स्थिति बन गई जिससे फ्लाइट 90 मिनट लेट हो गई। साथ ही विमान में बैठे बाकी लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ी।” डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन(डीजीसीए) के नियमों के अनुसार फ्लाइट के उड़ने से 45 मिनट पहले चेक इन काउंटर बंद हो जाते हैं।
