उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर अंबेडकर नगर की अरुणिमा सिन्हा को उज्‍जैन के महाकाल मंदिर में घुसने से रोका गया। हाल ही में अरुणिमा सिन्हा बुरहानपुर गई थीं, जहां उन्हें मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अर्चना चिटनिस ने एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए बुलाया था। अरुणिमा सिन्हा अगले दिन सुबह उज्‍जैन के महाकाल मंदिर दर्शन के लिए जाना चाहती थी। मंदिर में मौजूद लोगों को उनके आने की खबर पहले ही कर दी गई थी। लेकिन जब वह मंदिर दर्शन के लिए पहुंची तो वहां के कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। कर्मचारियों का कहना था कि अरुणिमा इस कपड़े के साथ मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। बता दें कि मंदिर जाते समय अरुणिमा ने लोअर, टी-शर्ट और जैकेट पहना हुआ था। एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अरुणिमा ने इस बात को लोगों के साथ शेयर किया, इसके अलावा उन्हें ट्वीट के जरिए भी लोगों को इसकी जानकारी दी।

अरुणिमा सिन्‍हा।

उन्होंने बताया कि मंदिर के बाहर किसी अनिवार्य ड्रेस कोड का जिक्र नहीं था, लिहाजा मेरे साथ उन्होंने ऐसा क्यों किया समझ से परे है। अरुणिमा के मुताबिक उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों को समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी बात को तवज्जो नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने वहां महिला पुलिसकर्मी को बुलाकर मुझे डराने की कोशिश भी की। अरुणिमा बताती हैं कि यह सब बताने का मेरा मकसद किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। मैं तो बस यह दिखाने की कोशिश कर रही हूं कि जब मेरे साथ ऐसा हो सकता है तो आम दिव्यांगो के साथ क्या-क्या हो सकता है आप सोच सकते हैं।

वहीं मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा ने बताया कि अरुणिमा ने इस घटना के बारे में हमसे कोई बात नहीं की। मंदिर में दर्शन के लिए विकलांगों के लिए रैंप बना हुआ है। अगर उन्हें मंदिर में जाने देने से रोका गया है तो हम उसकी जांच करेंगे। अगर मंदिर का कोई अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि अरुणिमा सिन्हा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली विश्व की पहली दिव्यांग महिला हैं।