मध्‍य प्रदेश में शायर के खिलाफ एक अन्‍य कवि की ओर से दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में समन जारी किया गया है। मध्‍य प्रदेश ऊर्दू एकेडमी के सचिव डॉ. नुसरत मेहदी ने शायर मंजर भोपाली के खिलाफ मानहानि का केस किया था। मेहदी की शिकायत है कि भोपाली ने उन पर सरकारी संस्‍था का भगवाकरण करने का आरोप लगाया था। शिकायत में यह भी था कि भोपाली ने बयान दिया, ”अन्‍य सरकारी अफसरों और कर्मचारियों की तरह वह भी भगवा अंडरगारमेंट पहनने लग गई हैं।” 11 जनवरी को फर्स्‍ट क्‍लास न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने भोपाली के खिलाफ समन जारी किए।

बताया जाता है कि भोपाली ने यह बयान मार्च 2016 में पुराने शहर में एक कार्यक्रम के दौरान दिया। मेहदी ने दावा किया कि भोपाली ने ना केवल उन्‍हें बदनाम किया बल्कि अंडरगार्मेंट का रंग की ओर इशारा कर उनकी गरिमा को भी ठेस पहुंचाई। मेहदी ने बताया, ”मैं कोर्ट गई क्‍योंकि पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। अब वे जवाबदेह नहीं बल्कि आरोपी हैं।” उन्‍होंने बताया कि भोपाली के बयान की सीडी भी उन्‍होंने कोर्ट में जमा करा दी है। वहीं भोपाली का कहना है कि उन्‍हें अभी तक नोटिस नहीं मिला है। उन्‍होंने बताया, ”लेकिन जब मुझे यह मिल जाएगा तब मैं कोर्ट में पेश होऊंगा और केवल मोहब्‍बत की बातें करूंगा।” उनके अनुसार ऐसा कोई बयान नहीं दिया और मेहदी के पास कोई सबूत नहीं है।

भोपाली का दावा है कि मेहदी ने उन पर यह आरोप मुख्‍यमंत्री और राज्‍यपाल से उनकी शिकायत के बाद लगाया है। वह कई सालों से सचिव पद पर कब्‍जा जमाए हुए हैं, इसकी शिकायत की गई थी। उनके अनुसार मजबूत लॉबी मेहदी का साथ दे रही है। एकेडमी में पक्षपात जमकर हो रहा है। अयोग्‍य कवियों को सम्‍मान मिल रहे हैं। भोपाली के बयान के जवाब में मेहदी ने कहा कि आरटीआई में सामने आया है कि भोपाली ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की।

कोर्ट ने मेहदी की ओर से पेश किए गए गवाहों को सुनने के बाद आपराधिक मानहानि की प्रक्रिया शुरू कर दी। मेहदी ने भोपाली से सार्वजनिक माफी मांगने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं होने पर वे कोर्ट चली गईं। भोपाली अपनी शांति की पैरवी करने वाली शायरियों के लिए मशहूर हैं। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब हैप्‍पनीनेस मिनिस्‍ट्री की शुरुआत की थी तब उन्‍होंने भोपाली के काम की तारीफ की थी।