मध्य प्रदेश के भोपाल में एक ऐसा गांव है जहां की महिलाओं को यह इजाजत नहीं है कि वह गांव में बच्चों को जन्म दे सकें। संका जागीर गांव भोपाल से 70 किमी दूर है। इस गांव की जनसंख्या 1200 है। यहां रहने वाले ज्यादातर परिवार गुर्जर समुदाय के हैं। गांव के बुजुर्ग बताते है कि पिछले 50 साल से किसी भी महिला ने इस गांव में बच्चे को जन्म नहीं दिया है। गांव वासियों का मानना है कि यदि कोई महिला गांव में बच्चे को जन्म देती हैं तो या तो बच्चे की मौत हो जाएगी या फिर वह शारीरिक रुप से विकृत हो जायेगा।

गांव में ऐसी मान्यता है कि सालों पहले इस गांव में एक मंदिर श्याम जी को समर्पित किया गया था। श्याम जी इस क्षेत्र के राजपूतों के मुखिया थे। उनके सम्मान में गांव का कोई भी व्यक्ति शराब नहीं पीता है। इसके अलावा जो व्यक्ति शराब पीता है वह तब तक गांव में प्रवेश नहीं कर सकता जब तक वह शराब समेत बाकी बुरी लतें छोड़ न दे। सालों पुरानी इस परंपरा को आज भी लोग निभा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को लोग शहर के अस्पताल भेजते हैं पर गांव में जन्म नहीं देने देते। हालांकि गांव के सरपंच नरेंद्र सिंह गुर्जर बताते हैं कि अब वो इस परंपरा को बदलना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि अब गांव में ही अस्पताल खुले जिसमें सारी सुविधाएं होंगी जिससे महिलाएं गांव में ही सुरक्षित तरीके बच्चों को जन्म दे सकेंगी।

Read Also: पंजाब: सीमावर्ती गांवों में 1965 और 1971 के युद्ध जैसे हालात, गांवों में रह गए हैं केवल मर्द