सोमवार तड़के भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार हुए सिमी के 8 सदस्यों के एनकाउंटर मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बयान जारी किया है। सीएम शिवराज सिंह ने तुरंत कार्रवाई को लेकर जवानों की तारीफ की, लेकिन साथ ही मामले की जांच की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है जिसकी जांच की जाएगी। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई भी की जाएगी।

शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों ने काफी साथ दिया और लगातार कैदियों की लोकेशन अपडेट मिलती रही। साथी ही उन्होंने जवानों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “जवानों को उनके काम के लिए बधाई देना चाहता हूं। लेकिन साथ ही बताना चाहता हूं कि हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं। जेल से कैदियों का भाग जाना काफी गंभीर मामला है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और NIA से इस मामले की जांच की मांग की है, जिसपर गृहमंत्री की अनुमति मिल गई है।

 

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बता दें कि दिवाली की रात जेल से फरार होने से पहले आतंकियों ने हेड कांस्टेबल की गला रेतकर हत्या कर दी थी और फिर दीवार फांदकर फरार हो गए थे। जानकारी के अनुसार, तड़के तीन से चार बजे के बीच जेल के बी ब्लॉक में बंद सिमी के आठ आतंकियों ने बैरक तोड़ने के बाद हेड कांस्टेबल रमाशंकर की हत्या कर दी। इसके बाद जेल में ओढ़ने के काम आने वाली चादर की मदद से आतंकी दीवार फांदकर फरार हो गए। फरार होने वाले आतंकियों में शेख मुजीब, माजिद खालिद, अकील खिलची, जाकिर, सलीख महबूब और अमजद शामिल था। इन आतंकियों का सुराग देने पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था।

मुठभेड़ में मारे गए सिमी के आतंकी

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फोन कर मामले की जानकारी ली थी और इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा था। राज्य सरकार ने भी आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया और सभी बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन पर सघन तलाशी की गई। खुफिया सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आखिरकार सभी आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।