मध्यप्रदेश के मंदसौर में बुधवार (27 जुलाई) को गाय का मांस होने के शक में दो मुस्लिम महिलाओं से सरेआम मारपीट की गई। बाद में पता चला कि उन महिलाओं के पास जो मीट था वह गाय नहीं बल्कि भैंस का था। दोनों महिलाओं को फिलहाल जमानत पर छोड़ भी दिया गया है। महिलाओं ने थाने से आने के बाद अपनी आपबीती बताई। जिन महिलाओं के साथ कुछ महिलाओं और गऊ रक्षकों ने मारपीट की थी उनका नाम सलमा और शमीम है। दोनों ने बताया कि वह पहले बस से आने वाले थीं, लेकिन कुछ गऊ रक्षकों ने उन्हें धोहार के बस डीपो पर पकड़ लिया था। सलमा और शमीम ने उन्हें समझाया था कि वह जो मांस लेकर जा रही हैं वह गाय का नहीं भैंस का है। महिलाओं के मुताबिक, उनमें से कुछ लोग अच्छे से बात कर रहे थे और उन्हीं ने ट्रेन ने मंदसौर जाने की सलाह दी थी। सलमा ने गऊ रक्षकों के धमकी देने के तरीके के बारे में बताते हुए कहा, ‘उन्होंने कहा था कि अगर तुम मर्द होती तो दोनों को जान से मार दिया जाता, औरत हो इसलिए छोड़ रहे हैं।’

सलमा ने आगे बताया कि वे लोग ट्रेन में उनका पीछा कर रहे थे और ट्रेन से उतरते ही उन्हें घेरकर खड़े हो गए। सलमा ने बताया कि मारपीट के दौरान जब उसने चोट लगने की बात कही तो उन्होंने कहा कि वह बहाना कर रही है और फिर से मारना शुरू कर दिया।

इस मामले में आसपास के लोगों और पुलिसवालों पर तमाशबीन बने रहने का भी आरोप लगा है। हालांकि अब पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया है। गोविंद राव चौहान, दिलीप देवडा, सुदेश और विकास अहीर नाम के चार लोगों को पकड़ा भी गया था। हालांकि, वह लोग गुरुवार को ही जमानत पर छूट भी गए थे। सलमा और शमीम के साथ मारपीट करने में कुछ महिलाएं भी शामिल थीं। फिलहाल पुलिस उनकी पहचान करने में जुटी हुई है।

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