मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां एक ओर किसानों से चर्चा और शांति बहाली के लिए उपवास पर बैठे हैं, वहीं राज्य के कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने कहा कि किसानों के कर्ज माफ नहीं किए जाएंगे। बिसेन ने संवाददाताओं से शनिवार को कहा, “मध्यप्रदेश में किसानों के कर्ज माफ करने का कोई औचित्य नहीं बनता है, क्योंकि उनसे हम मूलधन (कर्ज) से 10 प्रतिशत कम ले रहे हैं। जब हमने किसान पर ब्याज नहीं लगने दिया तो कर्ज किस बात का माफ होगा।” राज्य के किसान कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर एक जून से आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन का आज अंतिम दिन है। बीते नौ दिनों के दौरान मालवा निमाड़ क्षेत्र में हिंसा और आगजनी हुई, मंदसौर में तो पुलिस की गोली और पिटाई से छह किसानों की मौत हो चुकी है, वहां कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। आंदोलन की आग शुक्रवार को भोपाल तक पहुंच गई। इस आंदोलन के दौरान कई जगह हिंसा हुई और मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो चुकी है। हिंसक आंदोलन से परेशान मुख्यमंत्री ने शांति बहाली के लिए शनिवार से भेल के दशहरा मैदान में उपवास शुरू किया है।
चौहान ने प्रदेश में हो रही हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि किसानों से चर्चा के लिए उनके दरवाजे खुले हुए हैं। वे दशहरा मैदान में इसीलिए बैठे हैं, क्योंकि वे किसान के दर्द को समझते हैं। किसान की हर संभव मदद की जाएगी, फैसले लिए जाएंगे और जरूरत पड़ी तो वह किसानों के लिए जिंदगी तक दे देंगे। इस दौरान उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने बीते वर्षो में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों को शून्य प्रतिशत पर कर्ज और खाद व बीज के लिए एक लाख रुपये का कर्ज लेने पर 90 हजार रुपये जमा करने का प्रावधान किया गया है।”
उन्होंने कहा, “जब भी किसानों पर विपदा आई वे उनके साथ खड़े हुए। सोयाबीन की फसल को नुकसान होने पर 4800 करोड़ रुपये की राशि बांटी गई, वहीं बीमा की 4400 करोड़ रुपये की राशि किसानों को दी गई। बीते वर्ष सरकार ने प्याज की बंपर पैदावार पर छह रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीदी और इस बार आठ रुपये प्रति किलोग्राम प्याज खरीद रहे हैं। तुअर और मूंग के लिए समर्थन मूल्य तय कर दिया है।”
