मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सिंगापुर यात्रा पर 1.39 करोड़ रुपए का खर्च आया था। एक RTI के तहत हुए खुलासे में पता चला है कि पिछले साल जनवरी में सिंगापुर के इनवेस्टर्स को मध्‍य प्रदेश में लाने के लिए महंगे-महंगे तोहफे दिए गए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इस बारे में विदेश मं त्रालय को कोई जानकारी ही नहीं दी गई। जबकि किसी बाहरी देश पर आधिकारिक यात्रा के बाद एक फॉलो-अप रिपोर्ट सौंपने का नियम है। आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ है कि विदेश मंत्रालय को न तो मध्‍य प्रदेश सरकार, न ही सिंगापुर में भारतीय उच्‍चायोग से इस संबंध में कोई कागजात नहीं मिले हैं। आरटीआई एक्टिविस्‍ट अजय दूबे को मिले कागजों के अनुसार, चौहान की यात्रा पर हुआ 1.39 करोड़ रुपए का खर्च मध्‍य प्रदेश ट्रेड एंड इनवेस्‍टमेंट फैसिलिटेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने उठाया। इसके अलावा सिंगापुर के भावी इनवेस्‍टर्स को 41,499 रुपए के गिफ्ट्स भी दिए गए।

मध्‍य प्रदेश ट्रेड एंड इनवेस्‍टमेंट फैसिलिटेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एक और जवाब के अनुसार, गिफ्ट्स का खर्च मृगनयनी मध्‍य प्रदेश इम्‍पोरियम और एमपी लघु उद्योग निगम लिमिटेड द्वारा किया है। दोनों मध्‍य प्रदेश सरकार के स्‍वामित्‍व वाली संस्‍थाएं हैं। इनवेस्‍टर्स को 22,291 रुपए की चार साड़ि‍यां और 11,718 रुपए की कीमत वाली लॉफिंग बुद्धा की 20 मूर्तियां बतौर गिफ्ट दिए गए। सरकार ने संत रविदास एमपी हस्‍तशिल्‍प एवं हस्‍तकरघा विकास निगम लिमिटेड से 7,490 रुपए में चार शॉल भी खरीदीं।

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सिंगापुर की यात्रा का मकसद मध्‍य प्रदेश में विभिन्‍न क्षेत्रों में निवेशकर्ताओं को आकर्षित करना था। सिंगापुर में भावी इनवेस्‍टर्स के साथ बैठकें और इंटरएक्टिव सेसंस हुए। ये बैठकें सिंगापुर में भारतीय उच्‍चायोग के समन्‍वय से आयोजित की गईं। कागजातों और हवाई टिकट के अनुसार मुख्‍यमंत्री की पत्‍नी साधना सिंह ने भी प्रतिनिधिमंडल के साथ यात्रा की। अभी तक साफ नहीं है कि 12-16 जनवरी के बीच यात्रा में उनकी भूमिका क्‍या थी, और उनकी ट्रिप का भुगतान किसने किया।