मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में गोरक्षा और गो-संवर्धन की मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए स्वतंत्र गो मंत्रालय बनाने की घोषणा की है। वर्तमान में राज्य में गो-संवर्धन बोर्ड काम करता है लेकिन जल्द ही इसकी जगह पर गो मंत्रालय होगा। सीएम शिवराज का यह फैसला उस वक्त आया जब राज्य में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवराज ने रविवार (30 सितंबर) को खजुराहो में ‘आचार्य विद्यासागर जीव दया सम्मान समारोह’ में कहा कि प्रत्येक घर में छोटी-छोटी गौशाला बनाने की आवश्यकता है और इससे गोमाता की सही मायनों में सेवा करने का पुरुषार्थ मिलेगा और इससे बड़ी क्रांति आ सकती है। सीएम शिवराज ने कहा, “गौशाला और अभयारण्य में वृद्ध गायें आती हैं और देखभाल के अभाव में इनकी मृत्यु भी हो जाती है। ऐसी गायों के लिए समय पर इलाज समेत अन्य समुचित व्यवस्था भी कराई जाएगी।” उन्होंने कहा कि मंत्रालय बनने से गोसेवा और संवर्धन के लिए तेजी से और बेहतर तरीके से काम हो सकेगा।

सीएम ने कहा कि स्वर्णोदय तीर्थ न्यास बनाने का उपक्रम ऐतिहासिक है। इसके बनने के बाद खजुराहो को स्वर्णोदय तीर्थ के रूप में नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री ने विभिन्न संस्थाओं को ‘आचार्य विद्यासागर जीव दया सम्मान’ से सम्मानित किया। आचार्य विद्यासागर ने अपने प्रवचन में कहा कि इस पावन भूमि से अनेक तपस्वी और साधक साधना कर अपने चिन्ह छोड़कर गए हैं, उनके पद चिह्नों पर चलने से प्रत्येक व्यक्ति का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि रामराज्य की कल्पना सभी करते हैं लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि शासन-प्रशासन उसी तरह का होना भी जरूरी है।

बता दें कि शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री अखिलेश्वरानंद काफी पहले से अलग से गो मंत्रालय बनाने की सिफारिश कर रहे थे। इससे पहले अखिलेश्वरानंद मीडिया के सामने स्वतंत्र गो मंत्रालय की वकालत करते देखे जा चुके हैं और इसके बनाए जाने पर प्रभार संभालने की इच्छा भी जता चुके हैं। पिछले दिनों ने उन्होंने कहा था कि गो मंत्रालय के लिए वह मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को खत भी लिख चुके हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार हर मुद्दे पर त्वरित अमल करती दिखाई दे रही है और धड़ाधड़ फैसले ले रही है। शिवराज के गो मंत्रालय के फैसले को भी मतदाताओं को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है।