राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ देश में सबसे अधिक 10,089 शिकायतें मध्य प्रदेश में दर्ज की गई हैं। इस हिसाब से प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 27 शिकायतें पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हुईं। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में सबसे अधिक 12,913 मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गईं। हाल ही में अशोक नगर जिले में पुलिस के एक आरक्षक के खिलाफ 17 वर्षीय बालिका के कथित अपहरण और दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया गया।

एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस अपने सहकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नरम दिखाई दी क्योंकि प्रदेश में पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज की गई कुल शिकायतों में से लगभग 6,189 शिकायतें प्रारंभिक जांच के बाद निराधार अथवा फर्जी पाई जाने के कारण खारिज कर दी गईं। आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कानून के रखवालों के खिलाफ सुस्त अभियोजन की कार्रवाई इससे भी जाहिर होती है कि पिछले साल प्रदेश में केवल 127 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया तथा 88 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया।

मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों के 2,473 मामलों में विभागीय जांच की गई, जबकि मात्र दो मामलों में न्यायिक जांच की गई तथा एक भी मामले में कानून के रखवालों के खिलाफ मजिस्ट्रेट जांच नहीं की गई। इसके विपरीत, दक्षिणी राज्य केरल पिछले साल पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों पर सबसे अधिक कार्रवाई करने वाला राज्य रहा। वहां वर्ष 2015 में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कुल 4,634 शिकायतें दर्ज की गईं । इनमें से केवल 599 शिकायतों को आधारहीन अथवा फर्जी होने के कारण खारिज किया गया। केरल में पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राप्त कुल शिकायतों में से 2,903 मामलों में विभागीय, 55 में न्यायिक और सात में मजिस्ट्रेट जांच कराई गई। मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि वह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करती है।

मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा, ‘शिकायत चाहे पुलिसकर्मी के खिलाफ हो या आम आदमी के खिलाफ, हम प्रत्येक शिकायत को स्वीकार करते हैं और साथ ही शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई भी करते हैं।’ मध्य प्रदेश पुलिस अपने कर्मियों के खिलाफ भी शिकायतों का स्वागत करती है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज शिकायतों के मामले में मध्यप्रदेश के बाद सूची में महाराष्ट्र का नंबर आता है, जहां पिछले वर्ष 8,004 पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं। वहीं, उत्तर प्रदेश इस सूची में 4,659 शिकायतों के साथ तीसरे नंबर पर रहा। रिपोर्ट के अनुसार बिहार राज्य में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मात्र 97 शिकायतें गत वर्ष दर्ज की गईं।