जम्मू कश्मीर में जारी हिंसा के बीच स्थानीय मुसलमानों ने अमरनाथ यात्रियों को बचाने के लिए खुद की जान खतरे में डाल दी। कर्फ्यू की बंदिशों के बावजूद स्थानीय मुसलमानों ने जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे नंबर एक पर हुए सड़क हादसे के घायलों की मदद की। यह हादसा अनंतनाग जिले के बिजबेहारा कस्बे के करीब हुआ। श्रद्धालुओं से भरी मिनी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें घायल ड्राइवर की मौत हो गई।
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बिहबेहारा कस्बे के निवासी राज्य में हुई हिंसा में अपने दो लोगों को गंवाने के बाद दुख में थे। हालांकि, वे निजी दुख और कर्फ्यू को नजरअंदाज करते हुए मौके पर पहुंचे और घायल श्रद्धालुओं को बचाया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, ‘स्थानीय मुसलमान घायल श्रद्धालुओं को निजी गाडि़यों से अस्पताल ले गए। कुछ लोग उन्हें श्रीनगर के अस्पताल ले गए।’ बता दें कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की सुरक्षाबलों से संघर्ष में हुई मौत के बाद पूरी घाटी हिंसा में जल उठी है। अभी तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में आम लोगों से लेकर सुरक्षाकर्मी तक शामिल हैं। अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, पुलवामा जैसे जिले हिंसा की चपेट में है।