गोरखपुर में योगी आदित्य नाथ का साम्राज्य बड़े ही व्यवस्थित तरीके से चलता है, और सीएम बनने से पहले तक आदित्य नाथ खुद इसकी निगरानी करते थे। हालांकि व्यवस्था अभी भी नहीं बदली है, और योगी आदित्य नाथ जहां भी रहें अपने मोबाइल के जरिए गोरखनाथ मंदिर के ट्रस्ट और संस्थानों पर नजर रखते हैं, ऐसा संभव हो पाता है मॉर्डन तकनीक के कमाल से। खबरों के मुताबिक गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट से लगभग 44 संस्थान जुड़े हैं। ये संस्थान गोरखपुर, वाराणसी और आसपास के जिलों में फैले हैं। इस संस्थानों में लगे सीसीटीवी का सीधा कंट्रोल योगी आदित्य नाथ के मोबाइल पर हैं। योगी कहीं भी रहें इन संस्थानों में चल रही गतिविधियों पर नज़र रखे रहते हैं।

गुरु गोरखनाथ हॉस्पिटल के डिप्टी चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ देवी प्रसाद के मुताबिक अगर कोई नर्स या डॉक्टर पेशेंट को ठीक ढंग से नहीं देख रहा है, या फिर कोई स्टाफ गैरहाजिर होता है तो हमें खुद महाराज (योगी) फोन करते हैं और कारण पूछते हैं। हालांकि योगी के सीएम बनने के बाद यहां के स्टाफ में अब इस बात को लेकर उत्सुकता है कि पूरे मठ के काम काज पर निगरानी कौन रखेगा, हां इस बात का उन्हें भरोसा जरुर है कि योगी किसी ना किसी योग्य शख्स की तलाश अवश्य कर लेगें।

गोरखनाथ मठ में रोजाना 450 लोगों का खाना बनता है, इनमें गोरखनाथ मठ के कर्मचारी, गौशाला की देखरेख करने वाले लोग, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे, शिक्षक और दूसरे स्टाफ शामिल हैं। इस काम के लिए मुख्य रसोई में 13 लोगों की नियुक्ति की गई है। जो वैदिक रीति रिवाज से भोजन तैयार करते हैं। इसके अलावा गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूलों और कॉलेजों को भी यहां से खाना सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। स्कूल में काम करने वाले शिक्षकों का दावा है कि यहां से खाने लेने का एक ही शर्त होता है, खाने का मेनू खुद योगी आदित्य नाथ तय करते हैं।