महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि राज्य में मराठी और गैर-मराठी के बीच कोई तनाव नहीं है और दोनों में किसी के भी साथ कोई अन्याय नहीं हो रहा है। फडणवीस ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे को भाषा से जुड़े भावनात्मक मुद्दे में न पड़ने की सलाह भी दी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य में भाषा को लेकर विवाद राजनीतिक कारणों से पैदा किया जा रहा है।

महाराष्ट्र में भाषा के मुद्दे पर निशिकांत दुबे की ओर से पिछले महीने की गई विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सीएम फडणवीस ने अपने पार्टी सहयोगी को सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि झारखंड से सांसद दुबे को ‘मराठी बनाम गैर-मराठी’ मुद्दे में नहीं पड़ना चाहिए, जिसे राजनीतिक कारणों से खड़ा किया जा रहा है। फडणवीस ने कहा, “हम इससे निपटने में सक्षम हैं। यहां मराठी और गैर-मराठी के बीच कोई तनाव नहीं है। दोनों में से किसी के भी साथ कोई अन्याय नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी भाषी उन नेताओं को सबक सिखाएंगे, जो उन्हें बांटने की कोशिश कर रहे हैं।”

OBC के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव

वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने पहले ही 6 मई को निर्देश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनाव, 2017 के ओबीसी आरक्षण के अनुसार कराए जाएं। इस निर्देश की आज फिर से पुष्टि की गई। अब आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में संपूर्ण ओबीसी आरक्षण लागू होगा।’’

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मराठी विवाद पर क्या बोले थे निशिकांत दुबे?

महाराष्ट्र में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा हिंदी बोलने वालों की पिटाई के वीडियो सामने आने पर बीजेपी नेता पर निशिकांत दुबे ने कहा था, “तुम लोग हमारे पैसों पर पल रहे हो। तुम्हारे पास किस तरह के उद्योग हैं? अगर तुममें इतनी हिम्मत है और तुम हिंदी बोलने वालों को पीटते हो, तो तुम्हें उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलने वालों को भी पीटना चाहिए। अगर तुम इतने बड़े ‘बॉस’ हो, तो महाराष्ट्र से बाहर निकलो, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु आओ, तुमको पटक पटक के मारेंगे।”

दुबे ने कहा था, “हम सभी मराठी और महाराष्ट्र के लोगों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने भारत की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी। बीएमसी चुनाव आने वाले हैं इसलिए राज और उद्धव घटिया राजनीति कर रहे हैं। अगर उनमें हिम्मत है तो उन्हें माहिम जाना चाहिए और माहिम दरगाह के सामने किसी भी हिंदी या उर्दू भाषी को पीटना चाहिए।” पढ़ें- भूख और बेरोजगारी से शैतान पैदा होते हैं- संजय राउत

(भाषा के इनपुट के साथ)