केरल में निकाय चुनाव में वाम नीत यूडीएफ ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। एलडीएफ ने छह नगर निगम में से पांच पर कब्जा जमाया, जबकि पिछले चुनाव में दो सीटें जीतने वाले एलडीएफ गठबंधन को एक ही सीट मिली। हालांकि, नगरपालिकाओं के चुनाव में यूडीएफ को थोड़ी बढ़त मिली और गठबंधन ने 86 में से 45 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा वामदलों ने भी 35 सीटें जीतीं। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने दो सीटों पर कब्जा जमाया।वाम दलों का सबसे बड़ा फायदा जिला पंचायत चुनाव में हुआ, जहां गठबंधन को 14 में से 10 सीटें मिली। पिछली बार दोनों (LDF और UDF) के पास 7-7 सीटें थीं। ब्लॉक पंचायत की 152 सीटों में भी लेफ्ट ने 104 और यूडीएफ ने 44 सीटों पर जीत हासिल की।
इसके अलावा 941 ग्राम पंचायतों में एलडीएफ ने बड़ा फायदा पाते हुए 514 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि यूडीएफ को 377 सीटें ही मिली। एनडीए ने इसमें 22 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल की। मालूम हो कि केरल में तीन चरणों में 1199 स्थानीय निकाय के चुनाव कराए गए थे। इसमें 941 ग्राम पंचायत, 152 ब्लॉक पंच्यात, 86 नगर पालिका और 14 जिला पंचायतों के चुनाव हुए थे। इसके अलावा 6 नगर निगम के भी चुनाव कराए गए थे। बीजेपी केरल में पैर जमाना चाहती है। यह चुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। अगले साल केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी ने मैदान में 612 अल्पसंख्यक प्रत्याशी उतारे थे। बीजेपी के 500 ईसाई प्रत्याशी थे तो 112 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे।
Highlights
कांग्रेस के महापौर उम्मीदवार एन वेणुगोपाल ने कहा कि यह एक सुनिश्चित सीट थी। मैं नहीं कह सकता कि क्या हुआ? पार्टी में कोई समस्या नहीं थी,वोटिंग मशीन में समस्या थी। यही बीजेपी की जीत का कारण हो सकता है। मैंने अभी तक वोटिंग मशीन के मुद्दे के साथ अदालत जाने का फैसला नहीं किया है। क्या हुआ, इसकी जांच करेंगे।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि ''एलडीएफ को स्थानीय निकाय चुनावों में व्यापक जीत मिली। यह राज्य के लोगों की जीत है। यह चुनाव परिणाम उन लोगों को जवाब दे रहे हैं, जो केरल को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करनेवालों के प्रयासों को पराजित किया गया है।''
मलप्पुरम जिला कलेक्टर के. गोपालकृष्णन ने 16 से 22 दिसंबर तक सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक मलप्पुरम में धारा 144 लागू कर दी है। धार्मिक स्थलों को छोड़कर लोगों का जमावड़ा और माइक का इस्तेमाल रात 8 बजे के बाद नहीं होगा। चुनाव में जीत के बाद समारोह 100 लोगों की भीड़ के साथ आयोजित किया जा सकता है। इसमें 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 से ऊपर के लोग शामिल नहीं हो सकते।
कोच्चि कॉर्पोरेशन नॉर्थ आइलैंड वार्ड में कांग्रेस के महापौर उम्मीदवार एन वेणुगोपाल एक वोट से भाजपा उम्मीदवार से हार गए हैं। हार के बाद उन्होंने कहा, 'यह एक सुनिश्चित सीट थी। मैं नहीं कह सकता कि क्या हुआ। पार्टी में कोई समस्या नहीं थी। वोटिंग मशीन में समस्या थी। यही बीजेपी की जीत का कारण हो सकता है। मैंने अभी तक वोटिंग मशीन के मुद्दे पर अदालत जाने का फैसला नहीं किया है।
कासरगोड के जिला कलेक्टर डॉ. डी. साजिथ बाबू ने जिले के 10 पुलिस स्टेशनों की सीमा के भीतर विभिन्न क्षेत्रों में 15 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 17 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। स्थानीय निकाय चुनाव परिणामों की घोषणा के मद्देनजर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए इसकी घोषणा की गई है। जिला कलेक्टर ने संबंधित जिला पुलिस प्रमुखों की रिपोर्टों के आधार पर सीआरपीसी की धारा 144 लगाई है। चुनाव के दौरान इन जिलों के कई स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों की सूचना मिली थी।
कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के साथ, केरल स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना जारी है। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, मतगणना 244 केंद्रों पर हो रही है। तीन चरणों में 1199 निकाय के चुनाव कराए गए। इस दौरान 941 ग्राम पंचायत, 152 बलॉक पंचायत, 86 नगर पालिका, 14 जिला पंचायतों और छह नगर निगमों के चुनाव हुए थे। तिरुवनंतपुरम नगर निगम में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को एक बार फिर जीत मिली है। 100 वार्डों में एलडीएफ को 51 और एनडीए को 34 वार्डों में जीत मिली है।
केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि केरल स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी की सीटें बढ़ी हैं। लोगों ने नरेंद्र मोदी के कल्याणकारी कार्यक्रमों को स्वीकार किया। पिछले चुनाव में, कांग्रेस ने तिरुवनंतपुरम निगम में 21 सीटें जीती थीं, अब केवल 8 सीटें जीती हैं। राज्य में बीजेपी और सीपीआई (एम) की लड़ाई है।
केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव के परिणामों से साफ है कि यूडीएफ और उसकी अवसरवादी राजनीति का केरल में कोई स्थान नहीं है। कांग्रेस भाजपा के साथ झूठे अभियान चला रही थी और LDF को बदनाम कर रही थी। यह सफल नहीं हुआ है।
केरल सीएम ने कहा कि LDF को स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यह राज्य के लोगों की जीत है। ये चुनाव नतीजे उन लोगों को करारा जवाब हैं जो कि राज्य को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। केंद्र की एजेंसियों की मदद से राज्य सरकार को अस्थिर करने वालों को करारा जवाब मिल गया होगा।
केरल स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे:
ताजा रुझान:
ग्राम पंचायत-941
LDF -515
UDF -376
NDA-28
अन्य -22
ब्लॉक पंचायत-152
LDF-108
UDF-44
जिला पंचायत-14
LDF-10
UDF-4
म्युनिसिपैलिटी -86
LDF-35
UDF-45
NDA -4
अन्य -2
कॉरपोरेशन- 6
LDF-3
UDF-3
LDF ने जीता तिरुवनंतपुरम कॉरपोरेशन। 100 वॉर्ड में से LDF के खाते में 51, NDA को 34, UDF को 10 पर मिली जीत। 5 अन्य के खाते में।
ताजा रुझान:
ग्राम पंचायत-941
LDF -522
UDF -363
NDA-23
अन्य -32
ब्लॉक पंचायत-152
LDF-108
UDF-44
जिला पंचायत-14
LDF-10
UDF-4
म्युनिसिपैलिटी -86
LDF-35
UDF-45
NDA -2
अन्य -4
कॉरपोरेशन- 6
LDF-3
UDF-3
ग्राम पंचायत-941 LDF -522 UDF -363 NDA-23 Others-32
ब्लॉक पंचायत-152 LDF-108 UDF-44
जिला पंचायत-14 LDF-10 UDF-4
नगर निगम-86 LDF-35 UDF-45 NDA -2 Others -4
कॉर्पोरेशन- 6 LDF-3 UDF-3
तिरुवनंतपुरम कॉर्पोरेशन में एलडीएफ ने सात, एनडीए ने 3 और यूडीएफ ने एक वॉर्ड में जीत हासिल की। रुझानों के मुताबिक एनडीए 14, एलडीएफ 21 और यूडीएफ 4 सीटों पर आगे है।
तिरुवनंतपुर में एनडीए 22 वॉर्ड में, एलडीएफ 26 पर और यूडीएफ 4 पर आगे हैं।
केरल स्थानीय निकाय चुनाव में तिरुवनंतपुरम में एलडीएफ सात वॉर्डों में, एनडीए तीन में और यूडीएफ एक लॉर्ड में जीत हासिल कर चुकी है। रुझानों के मुताबिक एलडीएफ की मेयर उम्मीदवार एस पुष्पलता को एनडीए उम्मीदवार ने 145 वोटों से हरा दिया।
तिरुवनंतपुरम में एनडीए 13 सीटों पर आगे है। अपनी जीत के प्रति आश्वस्त बीजेपी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं। पिछली बार भी यहां बीजेपी ने अपना परचम लहराया था।
शुरुआती रुझान-
ग्राम पंचायत-941 LDF -403 UDF -341 NDA-29 अन्य-56
ब्लॉक पंचायत-152 LDF-93 UDF-56 NDA-2
जिला पंचायत-14 LDF-11 UDF-3
Municipality-86 LDF-38 UDF-39 NDA -3 Others -6
Corporations- 6 LDF-8, UDF-2
केरल में रुझानों के मुताबिक एनडीए 5 वॉर्ड में, एलडीएफ 21, यूडीएफ- 21 औऱ अन्य पांच पर कोच्चि कॉर्पोरेशन में आगे चल रहे है्ं। इसके अलावा तिरुवनंतपुरम में एनडीए 13, एलडीएफ- 12 और यूडीएफ- 4 वॉर्ड में आगे है।
244 केंद्रों पर वोटों की गिनती चल रही है। दोपहर बाद नतीजे साफ हो सकते हैं। राज्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक ईवीएम मतों की गिनती शुरू होने के बाद रुझान मिलेंगे। अभी बैलेट वोट काउंट किए जा रहे हैं।
केरल में मतगणना शुरू हो गई है। पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे। इस बार लोगों के क्वारंटीन होने की वजह से पोस्टल बैलेट ज्यादा हैं। जो लोग कोरोना संक्रमित थे उन्होंने पोस्ट से वोट भेजे थे।
बीजेपी इस बार उम्मीद पाले है कि उसे त्रिवेंद्रम और त्रिचूर नगर निगम में भी जीत हासिल होगी। बीजेपी ने दो-तीन जिलों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का भी लक्ष्य रखा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में निकाय चुनाव के मुकाबले बीजेपी का वोट शेयर लगभग 3 फीसदी बढ़ गया था।
2015 के निकाय चुनाव में बीजेपी ने यूडीएफ के गढ़ में सेंध लगा दी थी और तिरुवनंतपुरम में नगर निगम में जीत हासिल की थी। नगर निगम की 100 सीटों में से बीजेपी को 33 पर जीत मिल गई थी। कांग्रेस को यहां केवल 20 सीटों से संतोष करना पड़ा था। पंचायत चुनाव में यूडीएफ ने अपना परचम लहराया था। एनडीए ने 17 पंचायत में जीत हासिल की थी।
वोटों की गिनती 8 बजे से शुरू होनी है। केरल में अल्पसंख्यकों की बड़ी आबादी है। इसमें 27 प्रतिशत मुसलमान और 19 फीसदी के करीब ईसाई हैं। यहां हिंदू वोटों के सहारे चुनावी जंग जीतना आसान नहीं है। इसीलिए बीजेपी ने अल्पसंख्यकों को चुनाव में उतारा है।