जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में देशद्रोह के आरोप में तीन युवकों की गिरफ्तारी के बाद हुए पथराव और इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन ने रविवार को फिर से कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस को इन युवकों को पिछले कई दिनों से तलाश थी। गिरफ्तार तीनों युवकों में स्थानीय हुर्रियत नेता और इमाम मौलवी अब्दुल कयूम मट्टू, किश्तवाड़ के मजलिस-ए-शौरा के सैफुद्दीन भगवान और एक अन्य स्थानीय हुर्रियत नेता फिरदौस भगवान शामिल है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक घाटी में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भारतविरोधी नारे लगानेवाले 30 लोगों में ये लोग भी शामिल थे। किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप वजीर ने बताया, ‘किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में आज सुबह करीब चार बजे एहतियाती उपाय के तहत कर्फ्यू लगा दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि शनिवार रात किश्तवाड़ से शांति भंग करने की कोशिश के मामले में तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उनको हिरासत में लेने के बाद क्षेत्र में लोग पथराव करने लगे। सूत्रों ने बताया कि इस वजह से जिला प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा।
किश्तवाड़ पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने पांच अलग-अलग एफआईआर में 30 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है लेकिन ईद और माछिल यात्रा को देखते हुए पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर रही थी। पिछली रात जब पुलिस की टीम बंसता मोहल्ला में कारी मंजूर को गिरफ्तार करने पहुंची तो मोहल्ले की महिलाएं घरों से बाहर निकलकर पत्थरबाजी करने लगीं और विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। मौका पाकर मंजूर वहां से भागने में कामयाब रहा। इस बीच, पुलिस की दूसरी टीम ने ओमर मोहल्ले में एक अन्य घर पर छापेमारी कर अब्दुल कयूम मट्टू को गिरफ्तार कर लिया। सैफुद्दीन भगवान और फिरदौस भगवान को भी पुलिस ने बस स्टैंड के करीब उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कार्रवाई के दौरान ही स्थानीय मस्जिद से रविवार की सुबह पुलिस कार्रवाई का विरोध करने के लिए लोगों से इकट्ठा होने को कहा गया। इसको देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने एहतियातन सुबह 4 बजे ही किश्तवाड़ में कर्फ्यू लगा दिया।
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