सावन का महीना चल रहा है और लाखों की संख्या में कांवड़िए जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। इस बीच राजस्थान के धौलपुर के कुछ कांवड़ियों ने प्रेमानंद जी महाराज के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। यह सभी कांवड़िए कासगंज जिले के सोरों घाट से 125 लीटर गंगा जल लेकर निकले थे। सभी कांवड़ियों ने राजस्थान के धौलपुर के अचलेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया और प्रेमानंद जी महाराज के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।

125 लीटर जल चढ़ाएंगे कांवड़िए

एक कांवड़िए ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि हमारी पूरी टीम इसमें शामिल है और हमने सोरों घाट से 125 लीटर जल भरा। उन्होंने कहा कि इसे हम धौलपुर के अचलेश्वर महादेव मंदिर चंबल घाटी में जाकर चढ़ाएंगे और प्रेमानंद जी महाराज के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना करेंगे। कांवड़िए ने कहा कि हम 50 घंटे से लगातार पैदल चल रहे हैं और हमारा उद्देश्य है कि प्रेमानंद जी महाराज का स्वास्थ्य अच्छा रहे।

कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज?

प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के परम भक्त हैं और उनके प्रवचन को सुनने वालों की संख्या करोड़ों में है। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी प्रेमानंद जी महाराज के भक्त हैं। कुछ लोग तो उन्हें भगवान का अवतार भी मानते हैं। प्रेमानंद जी महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है और उनका जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था हालांकि पूरा परिवार भगवान के प्रति समर्पित रहा। प्रेमानंद जी महाराज का जन्म कानपुर के एक गांव में 1972 में हुआ था।

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प्रेमानंद के पिता शंभू पांडे ने भी संन्यास को स्वीकार किया था। प्रेमानंद जी महाराज ने बहुत ही कम उम्र में पूजा पाठ करना शुरू कर दिया और पांचवी क्लास में ही उन्होंने भगवत गीता पढ़ना शुरू कर दिया था। 13 वर्ष की आयु में प्रेमानंद जी महाराज ने घर छोड़ दिया था और ब्रह्मचारी की दीक्षा ग्रहण कर ली थी।

बाद में प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन पहुंच गए और यहीं पर उनकी मुलाकात कई साधु संतों से हुई। इसके बाद एक दिन वह राधा वल्लभ मंदिर में पहुंच गए। यहां पर प्रेमानंद जी ने सद्गुरु देव की सेवा की और उनका जीवन बदल गया।