कानपुर देहात के मंड़ौली गांव में हुई अग्निकांड घटना की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने दो सदस्यीय एसआईटी गठित की है। एसआईटी को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि अतिक्रमण हटाने के दौरान झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। घर के मुखिया गोपाल कृष्ण दीक्षित भी आग में बुरी तरह झुलस गए हैं।

एसआईटी में इन्हें किया शामिल

एसआईटी में ADG जोन कानपुर आलोक सिंह और कानपुर मंडल आयुक्त राजशेखर को शामिल किया गया है। एक सप्ताह में एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट देगी।

पूर्व बीजेपी सांसद का शर्मनाक बयान

इस बीच, उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने के बयान से हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में तो आग लगाने की टेंडेंसी होती है। उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्हें यह सब कहते हुए सुना जा सकता है। उन्होंने कहा, “महिलाओं के अंदर तो आग लगाने की टेंडेंसी होती है। महिलाओं के अंदर एक टेंडेंसी होती है कि वे आग लगाने के लिए उत्सुक हो जाती हैं। तो उसका भी कोई मरने का इरादा नहीं था। वो चाहती थी कि ये हम करेंगे तो ये लोग भाग जाएंगे और हमें बचा लेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “ये आज की बात नहीं है आगे भी ऐसी घटनाएं होंगी। क्या अगर कोई गैरकानूनी घटना घटती है, और अगर उसमें कोई मर जाता है तो क्या प्रशासन को कानून को इतना ज्यादा खत्म कर देना चाहिए या नर्वस कर देना चाहिए कि वो सही डिसीजन ना ले पाएं। और कानून चूल्हे, भाड़ में गया और जो गलत काम करने वाला है उसकी चिरिया विनती में लग जाओ और उसको तेल पानी करने लगो, उसको मनाने में लग जाओ। फिर उसको पैसे दो, फिर एफआईआर करके भोलेभाले और अपनी ड्यूटी का पालन करने वालों को जेल भेज दो। पैसे भी दो और फिर पार्टी को वो लोग गाली भी दें। एफआईआर जो हुई है वो 100 प्रतिशत गलत है।”