पत्रकार पूजा की मौत के मामले को सुलझाने के लिए नीमका जेल में बंद अमित से गहरी पूछताछ और जांच पड़ताल की गई। बुधवार को इसके लिए अमित को सद्भावना अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 509 में ले जाकर पीजीआइ रोहतक के फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ एसके दत्तरवाल ने पूछताछ की और मृतका पूजा का पुतला जमीन पर गिराकर क्राइम सीन दोहराया गया। जांच के बाद फोरेंसिक विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट एसआइटी को सौपेंगे।

पोर्टल पत्रकार पूजा तिवारी ने सद्भावना अपार्टमेंट की बालकनी से लटक कर आत्महत्या की थी या फिर उसे ढकेल कर उसकी हत्या की गई थी। इसको सुलझाने के लिए एसआइटी जांच कर रही है। बुधवार को एसआइटी की एसीपी आस्था मोदी ने एसीजेएम सौरव गोसाई की अदालत में पेश होकर अमित के साइकोलॉजिकल आॅटोप्सी टेस्ट की इजाजत मांगी थी। इजाजत मिलने के बाद नीमका जेल में बंद अमित से डॉ दत्तरवाल ने करीब दो घंटे तक पूजा से उसके संबंध, घटना की रात की परिस्थिति, अमरीन और अमित के बीच संबंध, अमरीन की मौजूदगी आदि के बारे में मनोवैज्ञानिक ढंग से पूछताछ की। पूछताछ के बाद टीम अमित को लेकर सद्भावना अपार्टमेंट पहुंची।

टीम ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया। जिसके बाद अमित को लेकर फ्लैट नंबर 509 पहुंची। घटना के समय अमित कहां था और पूजा किस जगह थी, इसकी जानकारी ली गई। अमित ने बताया कि पूजा बालकनी की रेलिंग में लटक रही थी। उसने हाथ पकड़ रखा था। पूजा ने ऊपर चढ़ने की भी कोशिश की लेकिन उसका हाथ छूट गया और वह नीचे गिरी। इस पर डॉ दत्तरवाल ने अमित की बताई परिस्थितियों के आधार पर करीब डेढ़ फुट की गुड़िय़ा लटका कर छोड़ी। गुड़िय़ा तीसरी मंजिल की बालकनी के बाहर कपड़े सुखाने के लिए बांधी गई रस्सियों में उलझ कर लैट के अंदर गिर गई। इसके बाद दूसरी गुड़िय़ा को दोनों हाथ में लेकर नीचे गिराया। वह लगभग उसी जगह पर गिरी, जहां पर पूजा तिवारी का शव गिरा था।

जांच के बाद डॉ दत्तरवाल ने बताया कि क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए मिनी डमी का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा कि पूरी डमी और मिनी डमी के प्रयोग में परिणाम में बहुत बड़ा बदलाव नहीं आता है। एसआइटी प्रधान एसीपी आस्था मोदी ने बताया कि पूजा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट आ चुकी हैं।