जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एमए अर्थशास्त्र की छात्रा अर्चना कुमारी ने पहली प्रयास में ही 16वीं रैंक हासिल कर भारतीय आर्थिक सेवाएं (आइईएस) सूची में जगह बनाई। अर्चना ने लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक किया है। कुछ सूचनाओं के मुताबिक आइईएस के कुल 32 स्थानों में से 18 पर जेएनयू के विद्यार्थियों रहे। अर्चना बिहार के नवादा जिले के फररिया गांव से हैं और उनके पिता सरकारी विद्यालय में शिक्षक रह चुके हैं।

अर्चना ने बताया कि जेएनयू में उनके विभाग के शिक्षक देश के सबसे योग्य शिक्षकों में शामिल हैं और इससे उन्हें आइईएस परीक्षा को पास करने में बहुत मदद मिली। उन्होंने बताया कि जेएनयू का माहौल बहुत खुला हुआ है। यहां की सबसे अच्छी बात यही है कि आप जब मन चाहो पढ़ सकते हो। अपने दोस्तों से समूह चर्चा कर सकते हो और ये चीजें किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत जरूरी होती हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि जेएनयू में विद्यार्थी पढ़ाई नहीं करते हैं, वे विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में जाएं और देखें कि वहां एक भी कुर्सी खाली नहीं रहती है।

जेएनयू में वर्तमान में चल रहे आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि विद्यार्थी राजनीति में शामिल होकर अपनी मांगें सामने रखते हैं और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन इस राजनीति का असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर नहीं पड़ना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो विद्यार्थी धीरे-धीरे छात्र राजनीति से दूर होते चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि उच्च शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए और जो लोग इसकी कीमत देने में सक्षम हैं, उन्हें खुद ही इसका भुगतान भी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हालांकि भारत में इस बात का पता लगना बहुत मुश्किल है कि कौन आर्थिक सहायता के लिए योग्य है और कौन नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने भी लोगों के द्वारा दिए गए कर के जरिए ही पढ़ाई की है और अब मैं समाज को इसे वापस करूंगी।