झारखंड में मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीट कर हत्या के आठ दिन बाद पुलिस ने कुछ नई बातें सामने रखीं। बताया गया कि उन्होंने उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अलीमुद्दीन अंसारी की गाड़ी का पीछा किया, मुख्य आरोपी को फोन पर सारी जानकारी दी और मारपीट में उसका साथ भी दिया। पुलिस ने उस शख्स का नाम राजकुमार बताया है। पुलिस का मानना है कि वह कुछ वक्त पहले ही वहां की गौ रक्षा समिति से जुड़ा था। पुलिस के मुताबिक, उसने 29 जून को 15 किलोमीटर तक अंसारी का पीछा किया था। राज को फिलहाल पुलिस हिरासत में रखा गया है। पुलिस ने यह भी बताया कि घटना के बाद अंसारी की गाड़ी से जो मांस मिला वह बीफ ही था। पुलिस के मुताबिक, हमला करने वाले ग्रुप ने पहले भी अंसारी के खिलाफ मीट को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी।

अबतक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें बीजेपी के जिला मीडिया प्रभारी को मुख्य आरोपी बताया गया है। जिसमें दीपक मिश्रा और छोटू वर्मा का नाम शामिल है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपियों ने ही राज को अंसारी की गाड़ी का नंबर देकर उसका पीछा करने के लिए कहा था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के सामने दीपक ने कहा कि उसने अंसारी को एक या दो बार ही मारा था उसके बाद भीड़ हावी हो गई थी।

एक पुलिस अफसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अंसारी को पीटने के लिए पुलिस वाले डंडे का भी इस्तेमाल किया गया था। अफसर ने बताया कि आरोपियों ने पहले अंसारी को गिरफ्तार करवाने की भी कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो पाए। अफसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ईद से कुछ दिन पहले वर्मा और मिश्रा ने रामगढ़ थाने में एक शांति वार्ता के दौरान यह बात उठाते हुए आरोप लगाया था कि कुछ लोग बीफ को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जा रहे हैं लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही। इसपर पुलिस ने उनको उचित कार्रवाई का भरोसा दिया था। घटना से कुछ दिन पहले दो लोगों को गौ तस्करी के लिए पकड़ा भी गया था। लेकिन अंसारी पर हमले से पहले उन लोगों ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी थी।

अफसर ने आगे बताया कि अंसारी को उसके खिलाफ हो रही शिकायतों के बारे में पता था लेकिन वह प्रतिबंधित मीट को खरीदता और दूसरी जगहों पर जाकर बेचता रहा। अधिकारी के मुताबिक, अंसारी के खिलाफ कुछ आपराधिक मामले भी दर्ज थे। झारखंड में 2005 में बने कानून के अनुसार वहां बीफ बैन है।