आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जाटों का आंदोलन शुक्रवार को और हिंसक हो गया। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और 21 अन्य घायल हो गए। बिगड़े हालात को देखते हुए हरियाणा के आठ जिलों में तैनाती के लिए सेना बुला ली गई है और रोहतक-भिवानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके साथ ही इन दोनों शहरों के कर्फ्यूग्रस्त शहरी इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार ने केंद्र से अर्द्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। आरक्षण की मांग कर रहे जाटों की उग्र भीड़ ने राज्य के वित्तमंत्री के मकान और कई सरकारी व निजी संपत्तियों में आग लगा दी। आंदोलन की वजह से कई जिलों राज्य परिवहन की बसें नहीं चलीं। कुछ रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया। रोहतक और झज्जर समेत कई प्रभावित जिलों में शुक्रवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में शुक्रवार रात बताया कि प्रदर्शनकारी भीड़ के तोड़फोड़ पर उतर आने और हिंसा में शामिल होने को देखते हुए रोहतक और भिवानी में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया गया है। इन जिलों के हिंसा प्रभावित शहरी इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए सेना को हिसार छावनी के अलावा जयपुर से भी बुलाया जा रहा है। मुख्य सचिव (गृह) एके सिंह और हरियाणा पुलिस के एडीजीपी बीएस संधु हालात को सामान्य बनाने में सेना और नागरिक प्रशासन के बीच समन्वय के लिए रोहतक रवाना हो गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। उन्होंने रोहतक, झज्जर और हांसी सहित कई जगहों पर तोड़फोड़ की। इस दौरान पुलिस और निजी वाहनों, सरकारी कार्यालयों और हिसार के हांसी में दो टोल प्लाजा को निशाना बनाया। ये टोल प्लाजा दिल्ली-हिसार-फजलिका राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं।
पिछले कुछ दिनों से चल रहा यह आंदोलन शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की ओर से इसे वापस लिए जाने की अपील के कुछ देर बाद ही हिंसक बन गया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री की अपील खारिज कर दी। खट्टर ने आश्वासन दिया कि समुदाय को आरक्षण देने के लिए एक समाधान पर काम किया जाएगा।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल ने चंडीगढ़ में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रोहतक में हिंसक भीड़ में से किसी ने गोली चलाई। इससे बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया। बीएसएफ कर्मियों की ओर से आत्मरक्षा में चलाई गई गोली से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। राज्य के पुलिस प्रमुख ने बताया कि स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने पर आठ बुरी तरह से प्रभावित जिलों रोहतक, झज्जर, जींद, भिवानी, हिसार, कैथल, पानीपत और सोनीपत में तैनाती के लिए सेना बुला ली गई है। पुलिस प्रमुख ने बताया कि केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की गई है।
प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को पहली बार दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य रेलवे मार्गों को भी बाधित कर दिया। इस आंदोलन को देखते हुए कालका-चंडीगढ़-दिल्ली शताब्दी समेत कई स्थानीय, अल्प दूरी और लंबी दूरी की ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
डीजीपी ने कहा कि कुछ पुलिस अधिकारियों को रोहतक सहित कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने बंधक बना लिया। वे अपनी ड्यूटी निभा पाने में असमर्थ हैं।अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोहतक बाईपास के पास एकत्र हुए प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्होंने वहां खड़े पुलिस वाहनों पर कथित रूप से हमला बोल दिया। इन वाहनों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को बल का प्रयोग करना पड़ा और गोलियां चलानी पड़ी। उग्र भीड़ ने समीप में स्थित हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के निजी आवास पर भी हमला बोल दिया। पुलिस के मुताबिक भीड़ ने मकान के बाहर खडी एक कार में आग लगा दी और मकान में भी आगजनी का प्रयास किया।
रोहतक के परास्नातक चिकित्सा विज्ञान और अस्पताल संस्थान (पीजीआइ) के अधिकारियों ने बताया, ‘एक अज्ञात व्यक्ति की मौत (संदिग्ध रूप से) गोलियों से लगी चोट के कारण हो गई।’ अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 21 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक की हालत नाजुक है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सर्किट हाउस और पुलिस महानिरीक्षक, रोहतक के कार्यालयों पर हमला किया और इन भवनों पर पथराव किया। आइजीपी कार्यालय के बाहर खड़ी एक कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। एक बीमार व्यक्ति को स्थानीय अस्पताल लेकर जा रहे एक व्यक्ति के स्कूटर को भी प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी।
राज्य की अन्य जगहों पर विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों पर यात्रा का प्रयास कर रहे विभिन्न लोगों के वाहनों के टायरों की हवा निकाल दी गई। हरियाणा के जिन विभिन्न जिलों में जाट आंदोलन का प्रभाव देखने को मिला, उनमें रोहतक, झज्जर, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, करनाल, जींद, यमुनानगर, सिरसा और गुड़गांव शामिल हैं। इन स्थानों पर सड़क परिवहन बाधित रहा। हरियाणा रोडवेज ने प्रभावित जिलों में स्थानीय और अंतरराज्यीय बस सेवाओं को निलंबित कर दिया। रोहतक और झज्जर सहित विभिन्न जिलों की मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।
हरियाणा पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्ध सैन्य बलों के कर्मियों को प्रभावित जिलों विशेष कर सबसे अधिक प्रभावित रोहतक में तैनात किया गया है। वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने चंडीगढ़ के राज्य मुख्यालय में बैठक कर राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की।
जींद से मिली खबर के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने जींद जिले में सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों को लगातार तीसरे दिन बाधित रखा। सभी प्रमुख सड़कों के अलावा जींद जिले से गुजरने वाले एनएच 65 और एनएच 71 को छह जगहों और पांच राज्य राजमार्गों को 12 जगह बाधित किया। जाट आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 21 फरवरी को रोहतक में होने वाले संत गुरु रविदास की 639वीं जंयती पर राज्य स्तरीय समारोह को रद्द कर दिया है। राज्य के परिवहन मंत्री किशनलाल पंवार ने चंडीगढ़ में कहा कि यह निर्णय आरक्षण को लेकर चल रहे मौजूदा आंदोलन को देखते हुए लिया गया है।
* उग्र प्रदर्शन में एक मरा, 21 घायल
* हिंसा प्रभावित आठ जिलों में तैनाती के लिए सेना बुलाई
* प्रभावित जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
* भीड़ ने वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर बोला हमला
* केंद्र सरकार से अर्द्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां मांगीं