जम्मू कश्मीर में अब रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को लेकर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(जेसीसीआर्इ) के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने शनिवार (आठ अप्रैल) को कहा कि यदि रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को एक महीने के अंदर वापस नहीं भेजा गया तो उनकी पहचान की जाएगी और मारा जाएगा। यह सबको पता है कि वे संभावित मानव बम हैं और आतंकी संगठन इनका उपयोग कर सकते हैं। गुप्ता ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान का मतलब था कि विदेशियों की पहचान की जानी चाहिए और इस मामले की समाप्ति के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर कीमती जानें जा सकती हैं। वहीं कश्मीर इकॉनॉमिक एलायंस ने इस मसले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि मुसलमानों के नरसंहार के लिए यह एक साजिश का हिस्सा है।
एलायंस के चेयरमैन यासिन मलिक ने कहा, ”सरकार को गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए। अगर ऐसा बयान कश्मीर से आता तो पूरे व्यापारी समुदाय को आतंकी करार दे दिया जाता और जेल में डाल दिया जाता। लेकिन जम्मू से बयान आया है इस पर सरकार चुप है।” जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री बड़ा संगठन है और लगभग 100 संगठन इससे जुड़े हुए हैं। सात अप्रैल को राकेश गुप्ता ने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को अपराधी और ड्रग तस्कर बताया था।
उन्होंने लिखित बयान में कहा था, ”ऐसा नहीं होने पर चैंबर ऐसे अपराधियों के खिलाफ ढूंढ़ो और मारो अभियान चलाएगी।” उन्होंने साथ ही मांग की थी कि जिन लोगों ने इन्हें जमीन दी है उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिया जाए। जम्मू के एसपी सुनील गुप्ता ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने पुलिस से इस बारे में शिकायत नहीं की है।