कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर और पत्रकार प्रेम शंकर झा को श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्‍पताल में भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा। वे प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों से मिलने के लिए गुरुवार को अस्‍पताल गए थे लेकिन वहां मौजूद लोगों के विरोध के चलते उन्‍हें वहां से उल्‍टे पांव वापस लौटना पड़ा। अय्यर और झा पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के दल के साथ श्रीनगर गए थे। इस दौरान पत्रकारों को अंदर जाने दिया और उन्‍होंने घायलों से बात की। अस्‍पताल के एक डॉक्‍टर के अनुसार वहां मौजूद लोगों ने अय्यर से कहा, ”हम हत्‍यारों से हाथ नहीं मिलाते।”

सूत्रों ने बताया कि मरीजों ने पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को चोट लगने की घटना के बारे में बताया। अस्‍पताल के एक वॉलंटियर उबैद अहमद ने बताया,”उन्‍हें आंखों के वार्ड में फोटो लेने की अनुमति नहीं दी गई। पैलेट गन के शिकार हुए ज्‍यादातर लोग यहीं भर्ती हैं। जब वे लोग मौजूद थे तो वहां पर भारत विरोधी नारेबाजी भी हुर्इ।” इस दौरान ‘गो इंडिया गो बैक’ जैसे नारों से अस्‍पताल का कॉरिडोर गूंज उठा। मरीजों के अटेंडेंट ने डेलीगेशन से कहा, ”हमें केवल आजादी चाहिए और इसके अलावा कुछ नहीं। ” इस डेलीगेशन में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक भी शामिल थे।

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डेलीगेशन के एक सदस्‍य बशीर असद ने बताया, ”हमारा उद्देश्‍य पैलेट गन से हुए नुकसान को आंकना और घायलों की बात सुनना था। हम अस्‍पताल में किसी के कहने पर नहीं आए।” असद जम्‍मू कश्‍मीर में सत्‍ताधारी पीडीपी के जुड़े रह चुके हैं। असद ने बताया कि अय्यर को उनके कांग्रेस से जुड़े होने के कारण अटेंडेंट्स ने वापस भेज दिया। साथ ही झा को भी वापस जाने को कहा गया।

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