प्रशासन द्वारा तीन थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटाए जाने के कारण सोमवार (29 अगस्त) को श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य होने लगा। हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 51 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘पुलवामा शहर और श्रीनगर के एम आर गंज तथा नौहट्टा थाना क्षेत्रों के तहत आने वाले इलाकों को छोड़कर कश्मीर से कर्फ्यू हटा लिया गया है।’ हालात में सुधार के मद्देनजर पाबंदियों को भी हटा लिया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए घाटी के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात रखा जाएगा।’ झड़पों के चलते अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 68 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हुए हैं।
अधिकारी ने बताया कि सोमवार सुबह सड़कों पर ऑटो रिक्शा और निजी वाहन जरूर नजर आए लेकिन सार्वजनिक वाहन नदारद रहे। निजी वाहनों के सड़कों पर उतरने के कारण लाल चौक की ओर जाने वाले मार्ग, रामबाग-जवाहरनगर-राजबाग तिराहे पर थोड़ा जाम लग गया। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बढ़ी। बैंकों के खुलते ही ग्राहक इनमें उमड़ पड़े। हालांकि, स्कूल, कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थान और दुकानें बंद रहीं। अलगाववादियों ने लोगों से सोमवार को आह्वान किया कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर वे अन्य सभी सरकारी कार्यालयों को बंद करा दें। अलगाववादियों ने अपने साप्ताहिक प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी कार्यालयों को बंद कराएं। किसी भी सरकारी कर्मचारी को कार्यालय नहीं जाने दें।’
इस बीच, पूरी घाटी में मोबाइल पर इंटरनेट सेवा अब भी निलंबित है। प्रीपेड मोबाइल नंबरों पर आउटगोइंग सेवा पर अब भी प्रतिबंध लगा हुआ है। वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। प्रदर्शनों के दौरान आम नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे अलगाववादी गुटों ने घाटी में हड़ताल की अवधि एक सितंबर तक बढ़ा दी है।
