अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि कश्मीर आजादी के करीब है। शुक्रवार को गिलानी ने कहा कि आजादी की लड़ाई का वर्तमान चरण आजादी के लक्ष्य के काफी करीब ले गया है। अब आजादी नजरों के सामने हैं। उन्होंने मीडियाकर्मियों को लिखे खत में यह बात कही। गिलानी ने यह खत प्रेस कांफ्रेंस की अनुमति न मिलने के बाद जारी किया है। उन्होंने सुबह 11 बजे हैदरपुरा स्थित घर पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी लेकिन प्रशासन ने उनके घर की ओर जाने वाले रास्तों पर पाबंदी लगा दी। गिलानी ने लिखा कि ‘कमांडर बुरहान के शहीद’ होने के बाद से प्रत्येक गांव और कस्बे से यह संदेश आया है कि भारत और कश्मीर के बीच केवल किरायेदार और कब्जेदार का रिश्ता है। उसने अब्दुल्ला, मुफ्ती, लोन और ऐसे अनगिनत नामों के रूप में परदे बनाए।
उन्होंने लिखा, ”हम हमेशा से कह रहे हैं कि ये सहयोगी भारत की कठपुतली मात्र हैं और आज यह साफ है कि उनका एकमात्र काम भारत के कब्जे को मजबूत करना और हमारे लोगों की हत्याओं व उन्हें अंधे करने पर सफाई देना भर है। उन्होंने मारने के लिए आजादी समर्थक नेताओं, कार्यकर्ताओं, कारोबारियों, सरकारी कर्मचारियों और पत्रकारों की सूची बनाई है।” गिलानी ने लिखा, ”हम पर कब्जा करने वाले के पास दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है। उसके पास दुनिया की सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फॉर्स है जिनमें से ज्यादातर कश्मीर में तैनात है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारे पास लोगों की प्रतिरोधक क्षमता है। हमारे पास कोई साधन नहीं। कोर्इ सेना नहीं। हमारे पास मीडिया नहीं। लेकिन हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा सच, एकता और आजाद कराने का निश्चय है।”
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उन्होंने पाकिस्तान केा दोस्त बताते हुए कहा कि उन्होंने एक बार फिर से साबित किया कि वे हमारे साथी हैं। गिलानी ने लिखा, ”पाकिस्तान और उसके लोग हमारे दर्द को समझते हैं। पाकिस्तान और उसके लोगों ने हमारे संघर्ष को नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक सहयोग दिया है।” गौरतलब है कि कश्मीर में लगभग दो महीने से तनाव चल रहा है। यहां अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है।
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