कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य होती स्थिति के बीच शुक्रवार की नमाज के बाद कानून और व्यवस्था संबंधी समस्या पैदा होने के डर के चलते शुक्रवार (18 नवंबर) को लोगों और यातायात की आवाजाही में अपेक्षाकृत कमी देखने को मिली। घाटी में आठ जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के चरमपंथी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से शुक्रवार की नमाज के बाद अलगाववादी विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं, जो बाद में हिंसक हो जाते हैं और इनका नतीजा सुरक्षाबलों से झड़पों के रूप में सामने आता है। अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर के अधिकतर इलाकों में अनेक दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं। घाटी में अधिकतर सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद है। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि सिविल लाइंस के कुछ इलाकों में और श्रीनगर के कुछ बाहरी इलाकों में ऑटो रिक्शा समेत कई यात्री वाहन चलते दिखाई दिए।
उन्होंने कहा कि इन इलाकों में और घाटी के कुछ अन्य शहरों में कुछ दुकानें खुली भी हैं। अधिकारियों ने कहा कि कुछ विक्रेताओं ने लाल चौक सिटी सेंटर से टीआरसी चौक-बटमालू के पास अपनी दुकानें लगाई हैं। अलगावादी साप्ताहिक रूप से विरोध कार्यक्रम की रूपरेखा जारी करते रहे हैं । हालांकि अधिक से अधिक लोगों की ओर से अलगावदियों द्वारा आहूत बंद की अवहेलना किए जाने के कारण, उन्होंने शनिवार और रविवार दो दिन पूरे दिन बंद में छूट का ऐलान किया है। आठ जुलाई के बाद से यह पहली बार है, जब पूरे दिन की छूट दी गई है। घाटी में जारी अशांति में अभी तक दो पुलिसकर्मियों समेत 86 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल भी हुए हैं। इन झड़पों में अभी तक सुरक्षाबलों के 5,000 कर्मी भी घायल हुए हैं।