जम्मू-कश्मीर में हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौत के विरोध में बीते हफ्ते स्थानीय इमामों की तरफ से बुलाए गए बंद के दौरान भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में किश्तवाड़ में पांच लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। इनमें एक 65 साल का बुजुर्ग भी शामिल है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मौत के बाद घाटी में हिंसा भड़क उठी थी। प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई।
जिन बुजुर्ग शख्स के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ है, उसका नाम सैफ-उद-बघवान के तौर पर हुई है। वह किश्तवाड़ कस्बे का रहने वाला है। उसका नाम दो अलग-अलग एफआईआर में दर्ज किया गया है। ये मामले किश्तवाड़ पुलिस थाने में दर्ज किए गए हैं। राजद्रोह के अलावा आपराधिक साजिश रचने और दो समुदायों के बीच धार्मिक कटुता बढ़ाने का मामला दर्ज किया गया है। 15 जुलाई को दर्ज किए गए मामलों में जिन अन्य चार लोगों के नाम हैं, वे हैं-जावेद इकबाल शेख, इमरान अली, परवेज अहमद शेख और तारिक हुसैन गल्लू।
पहली एफआईआर के मुताबिक, 11 जुलाई को स्थानीय इमाम फारूख अहमद किचलू, मंजूर अहमद गनी और अलगाववादी नेता मौलवी अब्दुल कयूम मट्टू की ओर से ‘शांतिपूर्ण’ बंद का आह्वान किया गया था। वहां सैफ ने उस वक्त देश विरोधी नारे लगाए, जब सरथल देवी यात्रा के लिए निकले हिंदू तीर्थयात्री स्थानीय बस अड्डे पहुंचे। तब उसने तीर्थयात्रियों को भड़काने और जिले के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। इसके चार दिन बाद सैफ ने कुछ अन्य लोगों के साथ सरथल देवी के तीर्थयात्रियों को देखकर दोबारा से नारेबाजी की। आरोपियों में से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस को आशंका है कि इससे अलगाववादियों को घाटी का माहौल खराब करने का मौका मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, हालात सामान्य होते ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।