अलगाववादी नेता यासीन मलिक के करीबी इम्तियाज यासीन को जम्‍मू-कश्‍मीर वन विभाग की खेल टीम का प्रमुख बनाया गया है। टाइम्‍स नाउ ने सरकार द्वारा जारी नियुक्ति पत्र को हासिल करने का दावा करते हुए यह खुलासा किया। इम्तियाज पर हत्‍या, आगजनी, दंगा जैसे मुकदमे दर्ज हैं। राष्‍ट्रीय टूर्नामेंट के दौरान इम्तियाज राज्‍य का प्रतिनिधित्‍व करेंगे। आपको बता दें कि यासीन मलिक को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अबी गजर स्थित कार्यालय के पास से जैसे ही मार्च शुरू किया, उन्हें हिरासत में ले लिया गया। मार्च शहर के मध्य स्थित लाल चौक जाना था। टेरर फंडिंग को लेकर लगातार एजेंसियां अलगाववादी नेताओं के ठिकाने पर छापेमारी कर रही हैं।

हत्‍यारोपी को इतना बड़ा पद देने की यह घटना ऐसे वक्‍त में सामने आई है जब एक 17 वर्षीय फुटबॉलर, माजिद खान ने फुटबॉल छोड़कर बंदूक उठाने का फैसला किया है। खान ने लश्‍कर-ए-तैयबा ज्‍वाइन कर लिया है। इस पूरे मामले में बीजेपी के डॉ ऐजाज इल्‍मी ने टाइम्‍स नाउ से कहा, ”यासीन मलिक के सहयोगी सरकारी नौकरी के योग्‍य नहीं हैं। उसका (इम्तियाज) पिछला रिकॉर्ड वेरिफाई नहीं किया गया है। उसकी नियुक्ति अवैध है। वह हत्‍या, आगजनी और पत्‍थरबाजी का आरोपी है जो कि लोकतंत्रवादी नहीं है।”

कश्‍मीर पुलिस ने बुधवार को यासीन मलिक के साथ मीरवाइज उमर फारूक को भी हिरासत में लिया। दोनों नेताओं ने इसके पहले जेकेएलएफ कार्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। मीरवाइज फारूक ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सुरक्षा बलों द्वारा जारी लोगों का उत्पीड़न निन्दनीय है।उन्होंने कश्मीर घाटी के बाहर अलग-अलग जेलों में बंद कश्मीरियों की दुर्दशा पर भी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के उस बयान के लिए आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोग पहले आंदोलन भड़काते हैं और बाद में प्रशासनिक मदद के लिए लाइन लगाते हैं।मीरवाइज ने कहा, “यह बयान साबित करता है कि उनका जमीनी वास्तविकताओं से कोई संबंध नहीं है।”