कश्मीर घाटी के बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए अब मोदी सरकार पत्रकारों का सहारा लेगी। मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार कश्मीर के पत्रकारों के लिए एक कॉन्फ्रेंस करवाने वाली है। इस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर के पत्रकारों से वहां के हालात के बारे में जानकारी ली जाएगी। उनसे पता किया जाएगा कि हालात सुधारने के लिए सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए। यह कॉन्फ्रेंस चंड़ीगढ़ में होगी। इसे करवाने का जिम्मा PIB को सौंपा गया है। कॉन्फ्रेंस में कश्मीर के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के पत्रकार भी शामिल होंगे। कश्मीर में 47 दिनों से ज्यादा से कर्फ्यू लगा हुआ है। कश्मीर में हालात हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद बिगड़े थे। अबतक 65 से ज्यादा लोग मर चुके हैं और 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इसमें फोर्स के लोग भी शामिल हैं। विरोध कर रहे लोग लगातार पुलिस और सेना को निशाना बना रहे हैं।
कश्मीर में हालात सुधारने की कोशिश के तहत मोबाइल सेवा और इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके अलावा शनिवार (16 जुलाई) की सुबह कई अखबारों के दफ्तरों पर छापा मारकर उनकी कॉपियां जब्त कर ली गईं थी। छापे के बारे में जानकारी मीडिया हाउसों ने अपनी वेबसाइट्स पर दी थी। जिन अखबारों के दफ्तरों पर छापा पड़ा उनमें उर्दू और इंग्लिश दोनों शामिल थे। ग्रेटर कश्मीर नाम के अखबार ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘ ग्रेटर कश्मीर और कश्मीर उजमा की 50 हजार से ज्यादा प्रिंटिड कॉपियों को जब्त कर लिया गया है। प्रेस भी बंद करवा दी गई है।’ इसे वहां के संपादकों ने कश्मीर की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया था।

