जम्मू कश्मीर में गुरुवार को आर्मी ने बड़े पैमाने पर घेराबंदी और तलाशी का अभियान शुरू किया। गुरुवार (4 मई) को दक्षिण कश्मीर के शोपिया जिले में चलाए गए इस ऑपरेशन में 4 हजार सुरक्षा जवान तैनात थे। एक सीनियर अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस स्तर का सर्च ऑपरेशन पिछले 15 सालों में कभी नहीं चला है। यहां मकानों की तलाशी की 1990 के दशक में बंद हो गई थी। ऑपरेशन में राष्ट्रीय राइफल की चार बटालियन, सीआरपीएफ की आठ कंपनी और जम्मू कश्मीर पुलिस की पांच प्लटन शामिल थी। इसके अलावा तीस महिला कांस्टेबल और भारतीय रिजर्व फोर्स भी वहां थी।

संयुक्त दल ने शोपियां के दर्जनों गांवों में गुरुवार सुबह ‘‘ऑपरेशन क्लीन अप’’ के तहत मार्च किया, वहीं हेलीकॉप्टर और ड्रोन आसमान से नजर रखे हुए थे। शाम के समय, हालांकि ऑपरेशन में शामिल 62 राष्ट्रीय रायफल के जवानों के वाहन पर उग्रवादियों ने हमला भी किया। इस हमले में एक नागरिक की मौत हो गई और चार जवान घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि हिजबुल मुजाहिद्दीन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। मृतक की पहचान नाजिर अहमद के रूप में हुई जो शोपिया के एक गांव का रहने वाला था। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक चले 12 घंटे लंबे अभियान के दौरान जब सैन्य टुकड़ी शाम में शोपियां जिले के चौदारी गुंड और केल्लार इलाके में तलाशी अभियान (रिवर्स स्वीप) चला रही थी, उसी दौरान आतंकवादियों ने उसपर हमला किया।

दिल्ली में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने पत्रकारों को बताया कि यह खोजबीन अभियान घाटी में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चलाया गया है। उन्होंने कहा, “तलाशी अभियान इसलिए चलाया गया क्योंकि यहां हाल ही में कुछ बैंक लूटे गए और कुछ पुलिसवालों की हत्या की गई। इस तरह के ऑपरेशन अक्सर चलाए जाते हैं।” एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में विदेशी आतंकवादियों सहित अन्य आतंकियों के छुपे होने संबंधी खुफिया सूचना मिलने के बाद घेराव और खोज अभियान चलाया गया। हालांकि तलाशी के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। सैनिकों ने सभी ग्रामीणों से एक जगह एकत्र होने को कहा ताकि उनके घरों की बिना रूकावट तलाशी ली जा सके।