श्रीनगर में 90 के दशक की तरह बंकर और बेरिकेड लौट आए हैं। तीन महीने तक चले प्रदर्शनों के बाद शहर के हिंसाग्रस्त इलाकों में बंकर और बेरिकेड लगा दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर में आतंकियों का मूवमेंट बढ़ने की सूचना मिली है। मैटल के बने रोड बेरियर और मिट्टी के बंकर बनाए गए हैं। इन्हें श्रीनगर में घुसने और बाहर निकलने के रास्तों के साथ ही सीएम महबूबा मुफ्ती व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के आवास वाले गुपकर एरिया में लगाया गया है। नसीम बाग, गुपकर रोड,निशात और पंथा चौक में सुरक्षा बलों ने बंकर में कमान संभाल ली है। ये इलाके दक्षिण कश्मीर जाने के एंट्री पॉइंट हैं। अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी लाल चौक के आसपास आने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर भी दर्ज कर रहे हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने की टीमों के साथ ही सुरक्षा बलों के विशेष दस्ते भी तैनात किए गए हैं। डीजीपी(कानून व्यवस्था) एसपी वैद्य ने बताया कि श्रीनगर में आतंकियों का मूवमेंट बढ़ने की सूचना मिली है।
डीजीपी ने कहा कि इस बार नए तरीके के बंकर बनाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया, ”वहां तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों को भी सुरक्षा की जरुरत है।” इससे पहले जून में विधानसभा में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जनवरी 2009 से 84 सुरक्षा बंकर और कैंप हटाए गए हैं। साल 2010 में सबसे ज्यादा बंकर और कैंप हटाए गए। पिछले साल इस तरह के पांच बंकर हटाए गए थे। लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हुए प्रदर्शनों के बाद से 80 युवक लापता है। सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि वे शायद आतंकियों के साथ जा मिले हैं।
पिछले दो महीनों में आतंकियों ने पुलिस से 31 हथियार छीने हैं। हाल ही में जारी हुए एक वीडियो में हिजबुल के स्वयंभू कमांडर जाकिर राशिद भट ने युवाओं से सुरक्षाकर्मियों से हथियार छीन आतंकियों के साथ आने को कहा था।
