जयपुर में 35 साल की एक मृतक महिला को कुछ तांत्रिक उसके घर में ही जिंदा करने की कोशिश करते रहे। बदबू आने पर मृतका की बहन को जब कुछ अंदेशा हुआ तो उसने यह बात अपने भाई को बतायी। इसके बाद मृतका के भाई ने थाने में मामला दर्ज कराया है। शिकायत मिलने के बाद जब पुलिस मकान पर पहुंची तो एक कमरे में युवती की लाश पड़ी थी, उस पर कपड़े भी नहीं थे और उसके शरीर पर जगह-जगह पट्टियां बंधी हुई थीं। कमरे से बदबू ना आए, इसलिए तांत्रिक कमरे में अगरबत्ती जलाते थे। फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

परिवार को अंधविश्वास में ऐसे फंसाया

जयपुर के गंगानगर सिटी में रहने वाले ताराचंद के परिवार को तांत्रिकों ने भरोसा दिलाया कि उनकी बड़ी बेटी अनिता में देवी का प्रवेश हो गया है। उसके बाद तांत्रिक अनिता को गद्दी पर बैठाकर लोगों का इलाज करने लगे। घर में लोगों की आवाजाही बढ़ने लगी। हालांकि, इस बात से ताराचंद के दोनों बेटे नाराज थे और वे घर छोड़कर किराए पर रहने लगे। इसी बीच, अनिता बीमार हो गई। तांत्रिकों ने अनिता की मां उर्मिला देवी और पिता ताराचंद को अंधविश्वास में इस कदर डुबो दिया कि वे अपनी बेटी का इलाज भी नहीं करा सके। अनिता पिछले डेढ़ माह से घर के एक कमरे में बंद थी। कमरे से बदबू आ रही थी, लेकिन माता-पिता को जरा भी शक नहीं हुआ कि उनकी बेटी की मौत हो चुकी है। वहीं, तांत्रिक लगातार घर वालों को बताते रहे कि अनिता जिंदा है।

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हालांकि, इस दौरान मृतका की छोटी बहन को जब कमरे से बदबू आई तो उसे कुछ शक हुआ और वह अपने भाई को यह बात बताने चली गई। इसके बाद भाई ने इसकी शिकायत पुलिस से की और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस मामले में सपोटरा निवासी गजेंद्र उर्फ पप्पू शर्मा, धूलवास निवासी गोपाल सिंह, मथुरा निवासी बंटी उर्फ संदीप शर्मा और महुकलां निवासी नीटू को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने चारों के खिलाफ धारा 304 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर मकान को सीज कर दिया है।

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