राजस्थान की राजधानी जयपुर की एक अदालत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं। अदालत ने शेखावत पर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले से जुड़े आरोपों की जांच के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री का नाम संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में उनकी पत्नी और अन्य लोगों के साथ शिकायत में लिया गया था। जिसमें हजारों निवेशकों को कथित रूप से लगभग 900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

पुलिस की तरफ से केंद्रीय मंत्री के खिलाफ जांच के लिए अदालत से इजाजत मांगी गई थी, जिसे अदालत ने मंजूरी दे दी। एसओजी गजेंद्र सिंह शेखावत,उनकी पत्नी और उनके सहयोगी से पूछताछ करेगी। मंगलवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पवन कुमार ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को शेखावत के खिलाफ शिकायत एसओजी को भेजने का निर्देश दिया था।

एसओजी की जयपुर इकाई ने पिछले साल इस घोटाले की जांच की थी। जिसके बाद 23 अगस्त 2019 को एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले के संबंध में एसओजी द्वारा दायर आरोप पत्र में शेखावत का उल्लेख नहीं किया गया था। बाद में, एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें आरोप पत्र में शामिल करने के एक आवेदन को भी खारिज कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने अतिरिक्त जिला जज की अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्होंने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में लाखों रुपये जमा कराए थे और सोसाइटी ने सारे पैसे गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके सहयोगियों की कंपनियों में लगाया था। इस बीच सोसाइटी करोड़ों रुपये के घोटाले में फंस गई। शिकायतकर्ता के वकील ने बताया कि हमारे मुवक्किल ने पोस्टर और रिकॉर्ड देखकर इसस सोसाइटी में पैसे लगाए थे। इस सोसाइटी का गजेंद्र सिंह शेखावत की कंपनियों से घनिष्ठ संबंध थे।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री पर राजस्थान में गहलोत सरकार गिराने के आरोप भी लगे थे। जिसके बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि ऑडियो क्लिप में मेरी आवाज नहीं है। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक ऑडियो फेक है। उन्होंने कहा कि मैं मारवाड़ की भाषा बोलता हूं जबकि ऑडियो टेप में झुंझुनू टच है। ऑडियो जोड़-तोड़ कर भी तैयार किया जा सकता है।