कश्‍मीरी पंडितों के लिए अलग बस्‍त‍ियां और सैनिक कॉलोनियां बसाने के कथित प्रस्‍ताव के खिलाफ जम्‍मू-कश्‍मीर के श्रीनगर में प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन की अगुआई अलगाववादी हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूख ने किया। भीड़ में कुछ लोग आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट और पाकिस्‍तान के झंडों के साथ नजर आए। प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर काबू करने के लिए जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस को आंसू गैस का इस्‍तेमाल करना पड़ा।

सैनिक कॉलोनियों के निर्माण का मुद्दा जम्‍मू-कश्‍मीर में तनाव का कारण बन गया है। राज्‍य सरकार आर्मी के लोगों के लिए अलग से कॉलोनी बनाए जाने के किसी योजना को खारिज कर रही है। इस मुद्दे को लेकर राज्‍य विधानसभा में गर्मागर्म बहस भी हो चुकी है। सीएम महबूबा मुफ्ती पूर्व सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला से भिड़ती नजर आईं। नेशनल कॉन्‍फ्रेंस और पीडीपी के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर चला।

नेशनल कॉन्‍फ्रेंस ने अलग कॉलोनी बनाए जाने के प्रस्‍ताव पर मुफ्ती सरकार पर निशाना साधा। वहीं, पीडीपी ने यह कहते हुए जवाबी हमला किया कि इसके लिए जमीन पूर्व की नेशनल कॉंन्‍फ्रेंस सरकार ने ही आवंटित की थी। इस मुद्दे पर अलगाववादी भी एकजुट हो गए हैं। वे कॉलोनी बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। हुर्रियत के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी के हैदरपोरा स्‍थ‍ित आवास पर आयोजित सेमीनार में कश्‍मीरी पंडितों की वापसी के कदम का स्‍वागत तो किया गया लेकिन अलग से कॉलोनी बसाने के प्रस्‍ताव का विरोध किया गया। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम का आयोजन हुर्रियत के दोनों धड़ों और जेकेएलएफ की ओर से किया गया था।