भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। अरबपति कारोबारी के खिलाफ दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले में जांच चल रही है। रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) में इंटरपोल ने अपने 192 सदस्य देशों से कहा है कि अगर भगोड़ा व्यक्ति उनके देश में देखा जाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए या हिरासत में ले लिया जाए। इसके बाद उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। आरसीएन में इंटरपोल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लगाए गए ‘ धन शोधन आरोपों ’’ को सूचीबद्ध किया है।
देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के सामने आने से कई हफ्ते पहले , जनवरी के पहले सप्ताह में नीरव मोदी ने अपनी पत्नी, भाई और मामा के साथ देश छोड़ दिया था। इन सभी के नाम आरोपियों के रूप में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में हैं। नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कारोबार और सेहत संबंधी कारणों और अन्य वजहों का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने के लिए भारत लौटने से इनकार कर दिया।
Interpol has issued Red Corner Notice (RCN) against Nirav Modi's brother Nishal Modi and his company's executive Subhash Parab in connection with #PNBScamCase. Interpol has issued RCN against Nirav Modi as well.
— ANI (@ANI) July 2, 2018
इसके बाद 15 फरवरी को इंटरपोल के जरिए जारी डिफ्यूजन नोटिस के जरिए सीबीआई ने नीरव मोदी का पता लगाने का प्रयास किया था लेकिन इससे भी खास सफलता नहीं मिली क्योंकि सीबीआई के अनुरोध का जवाब केवल ब्रिटेन ने ही दिया। सीबीआई ने बताया था कि 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस में यह जानकारी प्रसारित की गई थी कि भारत सरकार नीरव का पासपोर्ट रद्द कर रही है उसके बावजूद वह कई देशों की यात्रा करता रहा।
A Red Corner Notice issued against absconding diamantaire Nirav Modi by Interpol in connection with the multi-crore Punjab National Bank scam
Read @ANI Story | https://t.co/oq4k9hWNXd pic.twitter.com/2n0hN2NLB3
— ANI Digital (@ani_digital) July 2, 2018
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था, ‘विदेश मंत्रालय ने उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था जिसके बाद हमने यह जानकारी डिफ्यूजन नोटिस में जोड़ दी। नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द करने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल के सेंट्रल डेटाबेस को भी भेज दी गई , यह डेटाबेस सभी सदस्य देशों के पास उपलब्ध होता है।
उन्होंने बताया कि सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा डिफ्यूजन नोटिस जारी किये जाने के बाद एजेंसी ने उन छह देशों से संपर्क साधा जहां नीरव के जाने की आशंका थी। एजेंसी ने इन देशों से नीरव के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया। एजेंसी ने 25 अप्रैल , 22 मई , 24 मई और 28 मई को यूनाइटेड किंगडम की इंटरपोल कॉर्डिनेशन एजेंसी को ये रिमाइंडर भेजे। इसी तरह के रिमाइंडर अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूएई और फ्रांस की एजेंसियों को भी भेजे गए।