भारत और अमेरिका अपनी तीनों सेनाओं का पहला अभ्यास इस साल के आखिर में करेंगे। सैन्य अभ्यास के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर बातचीत जारी है। कार्यक्रम की अंतिम रूपरेखा पर सितंबर में होने वाली 2+2 वार्ता में मुहर लगाए जाने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, भारत की तीनों सेनाएं अमेरिका के साथ अलग-अलग सैन्याभ्यास करती हैं। हालांकि, इस बार ऐसा पहली बार होगा कि दोनों देशों की थलसेना, वायुसेना और नौसेना संयुक्त अभ्यास करेंगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ सितंबर में होने वाली बातचीत में इस बारे में अंतिम फैसले के लिए चर्चा की जाएगी। पिछले महीने मैटिस की भारत यात्रा के दौरान सीतारमण से उन्होंने दोनों देशों के बीच अतिरिक्त विशेष सैन्याभ्यास की संभावनाएं तलाशने पर विचार किया था।
बीती छह जुलाई को भारत और अमेरिकी विदेश व रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली 2+2 वार्ता अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के उत्तर कोरिया दौरे की वजह से टाल दी गई थी। भारत और अमेरिका के बीच होने वाले इस युद्धाभ्यास को पड़ोसी देशों व हिंद व प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के लिहाज से सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तीनों सेनाओं का इस तरह का यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय अभ्यास होगा। इससे पहले भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी ने पिछले साल रूस के ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट में रूसी बलों के साथ अभ्यास में भाग लिया था। पिछले साल भारतीय सेना के तीनों अंगों ने रूस में इंद्र-2017 द्विपक्षीय युद्धाभ्यास के तहत रूसी सेनाओं के साथ सम्मिलित रूप से हिस्सा लिया था। इसमें भारतीय सेना के 350 जवान, वायुसेना के 80 जवानों के अलावा वायुसेना के आईएल 76 जहाज व भारतीय नौसेना की एक फ्रिगेट को शामिल किया गया था।
पिछले साल ही भारतीय सेना व अमेरिकी सेना के बीच युद्धाभ्यास-2017 वाशिंग्टन के संयुक्त बेस लुईस-मैककॉर्ड में आयोजित किया गया था। इसमें गोरखा रायफल्स के 200 जवान शामिल हुए थे। जबकि भारतीय नौसेना व अमेरिकी नौसेना ने जापान की नौसेना के साथ हाल ही में मालाबार-2018 के तहत त्रिपक्षीय युद्घाभ्यास किया था। इस सालाना अभ्यास में तीनों देशों के बड़ी संख्या में विमान, नौसेना की परमाणु पनडुब्बियां और जंगी जहाजों ने हिस्सा लिया था।