Indian Air Force Aerial Strike : बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर ध्वस्त करने के एक दिन बाद बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ये ट्रेनिंग कैंप एक मस्जिद की आड़ में चल रहे थे। भारत ने असैन्य कार्रवाई में जिस कैंप को ध्वस्त किया, वह करीब छह एकड़ में फैला था। इसमें करीब 5-6 बिल्डिंग्स थीं, जिनमें 600 लोगों के एक साथ रहने की व्यवस्था थी। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कैंप में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 को हाईजैक करने और 2002 के गोधरा दंगों आदि के वीडियो दिखाकर नफरत फैलाई जा रही थी।

ये हैं घुसपैठ के रास्ते और ट्रेनिंग के तरीकेः रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि इस कैंप में तैयार दहशतगर्दों को चार रास्तों से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराई जाती थी। इन रास्तों में बालाकोट-केल-दुधनियाल, केल-कैंठावली, केल-लोआब जिला और केल-कचमा क्रालपुरा शामिल हैं। ये सारे ही रास्ते कुपवाड़ा की तरफ आते हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कैंप में तीन तरह की ट्रेनिंग दी जाती थी। पहला तीन महीने का ‘एडवांस कॉम्बैट कोर्स’ होता था, जिसे ‘दौरा-ए-खास’ कहा जाता था। इसी तरह ‘एडवांस्ड आर्म्ड ट्रेनिंग कोर्स’ जिसे ‘दाउम-अल-राद’ भी कहा जाता था। इनके अलावा एक ‘रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ था।

कैंप में मिलती थी ऐसी ट्रेनिंगः खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन ट्रेनिंग कैंप में आतंकियों को AK-47, मशीनगन, LMG, रॉकेट लॉन्चर, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर और ग्रेनेड्स का इस्तेमाल सिखाया जाता था। हथियार चलाने के साथ-साथ उन्हें जंगलों में गुजारा करने, घात लगाने, जीपीएस और नक्शों के इस्तेमाल, संचार आदि की ट्रेनिंग भी दी जाती थी। जैश-ए-मोहम्मद के आने से पहले इन कैंप का इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिदीन भी करता था। पहले पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमले और फिर भारत की तरफ से आतंकियों पर एयर स्ट्राइक से द्विपक्षीय रिश्तों में इन दिनों तनाव का माहौल है।